Move to Jagran APP

परगट-कैप्टन विवाद के बाद कांग्रेस नेताओं की कैंट सीट पर नजर, विरोधी दल भी सक्रिय

आठ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जालंधर कैंट सीट से परगट सिंह की दावेदारी को लेकर संशय बन गया है। टिकट के दावेदार कांग्रेस नेताओं में कैप्टन के करीब आने की होड़ भी शुरू हो गई।

By Edited By: Published: Mon, 24 May 2021 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 06:01 AM (IST)
परगट-कैप्टन विवाद के बाद कांग्रेस नेताओं की कैंट सीट पर नजर, विरोधी दल भी सक्रिय
जालंधर कैंट के मौजूद विधायक परगट सिंह की फाइल फोटो।

जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर। विधायक परगट सिंह के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सीधे आरोपों के बाद जालंधर कैंट विधानसभा सीट पर कांग्रेस को विकल्प की जरूरत आन पड़ी है। आठ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में परगट सिंह की दावेदारी को लेकर संशय बन गया है। टिकट के दावेदार कांग्रेस नेताओं में कैप्टन के करीब आने की होड़ भी शुरू हो गई। कैंट से परगट की टिकट पर पहले ही सवाल खड़े हो रहे थे और यह तय माना जा रहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी परगट सिंह को अगले चुनाव में कांग्रेस साइडलाइन कर सकती है।

loksabha election banner

परगट सिंह ने पिछले दिनों आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार संदीप संधू ने उन्हें फोन पर धमकी दी है कि उनके खिलाफ विजिलेंस जांच हो सकती है। अब परगट विरोधी खेमा भी कैंट में सक्रिय हो गया है। कैंट सीट से कांग्रेस टिकट के लिए पूर्व विधायक जगबीर बराड़, चेयरमैन तेजिंदर सिंह बिट्टू, चेयरमैन राजेंद्र पाल सिंह राणा रंधावा प्रमुख दावेदार हैं। पूर्व डायरेक्टर मलविंदर सिंह लक्की और महिला कांग्रेस प्रधान डा. जसलीन सेठी भी टिकट के दावेदार के रूप में देखे जा रहे हैं। कांग्रेस में शामिल होने के बाद पिछली बार जगबीर बराड़ को परगट के कारण ही टिकट से हाथ धोना पड़ा था। बराड़ ने पिछला चुनाव नकोदर से लड़ा था लेकिन अभी भी वह जालंधर कैंट सीट से मजबूत दावेदार माने जाते हैं।

तेजिंदर सिंह बिट्टू भी मजबूत दावेदार हैं। हालांकि वह पिछले समय में जालंधर सेंट्रल सीट पर एक्टिव रहे हैं लेकिन सेंट्रल सीट पर हिंदू उम्मीदवार को ही टिकट देने का दबाव रहता है इसलिए कैंट सीट से उनका दावा मजबूत है। कैंट क्षेत्र के कई पार्षद बिट्टू के संपर्क में भी हैं। करतारपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन व युवा नेता राजेंद्र पाल सिंह राणा रंधावा कैंट से टिकट मांग रहे हैं। वह पिछली बार भी टिकट के प्रमुख दावेदार थे और लगातार कैंट में सक्रिय रहते हैं। उनकी गिनती भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों में होती है और वह लगातार कैप्टन के हक में आवाज बुलंद करते आए। मलविंदर लक्की ने तो दो साल से परगट सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले रखा है। डा. जसलीन सेठी ने भी सक्रियता बढ़ा दी।

अकाली दल में मक्कड़ फिर मजबूत दावेदार

शिरोमणि अकाली दल से पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ ही टिकट के सबसे मजबूत दावेदार हैं। पिछला चुनाव भी उन्होंने लड़ा था। वह पिछले कई सालों से कैंट में एक्टिव हैं लेकिन मौजूद कांग्रेस विधायक परगट सिंह का अपनी ही पार्टी से विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने गतिविधियां और तेज कर दी है। वह कैंट के मुद्दों को लेकर परगट सिंह और कांग्रेस पर हमलावर हैं। पिछली बार आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ने वाले एचएस वालिया भी टिकट पर दावा रखते हैं। मक्कड़ और वालिया में 36 का आंकड़ा है और कई बार दोनों गुटों में टकराव की नौबत भी आ चुकी है।

भाजपा से राठौर और अमरी की नजर

अकाली दल से अलग होने के बाद भाजपा अब सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। ऐसे में कैंट सीट पर भाजपा नेताओं में चुनाव लड़ने को लेकर उत्साह बना हुआ है। किसान आंदोलन के चलते भाजपा का बेशक विरोध है लेकिन पार्टी भी पूरी तैयारी कर रही है। भाजपा से पूर्व मेयर राकेश राठौर और जिला भाजपा देहाती के प्रधान अमरजीत सिंह अमरी प्रमुख दावेदार हैं। अमरी ने कैंट हलके में जोड़-तोड़ भी शुरू कर दिया है और कई मीटिंग कर चुके हैं। अमरी के भाई गुरचरण सिंह चन्नी अकाली दल बादल के बड़े नेता रहे हैं और अब अकाली दल डेमोक्रेटिक से जुड़े हैं। चन्नी कभी अकाली दल के बडे़ दावेदार रहे हैं और अगर अमरी को टिकट मिलती है तो चन्नी के रसूख का उन्हें भी फायदा मिलेगा।

आप में अभी कोई बड़ा नाम नहीं

आम आदमी पार्टी एक बार फिर जोर पकड़ रही है लेकिन कैंट हलके से टिकट के लिए कोई बड़ा नाम सामने नहीं आया है। पार्टी ने पिछले चुनाव में यहां से 25 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे तब चुनाव लड़ने वाले एचएस वालिया अब अकाली दल में हैं। पार्टी के पास कैंट से कई चेहरे है लेकिन कैंट हलके को वीआईपी सीट माना जाता है इसलिए यहां से आप भी किसी बाहरी व्यक्ति को चुनाव लड़ा सकती है। लोकल भी कई दावेदार माने जा रहे और उनके नामों पर भी मंथन चल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.