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हमारे बच्चों के 10वीं के नतीजे अच्छे क्यों नहीं आए... CBSE स्कूल प्रबंधन से गुस्साए अभिभावक पंजाब में सड़क पर बैठे

होशियारपुर में सड़क पर धरना देते हुए अभिभावकों ने कहा कि स्कूल के 23 विद्यार्थियों ने पेपर दिए थे। इनमें 20 बच्चों के 55 से 62 फीसद व तीन बच्चों के अंक 70 से 80 फीसद रहे। खराब परिणाम से बच्चे अब मुश्किल में फंस गए हैं।

By Edited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 11:31 AM (IST)
हमारे बच्चों के 10वीं के नतीजे अच्छे क्यों नहीं आए... CBSE स्कूल प्रबंधन से गुस्साए अभिभावक पंजाब में सड़क पर बैठे
होशियारपुर में अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क जाम कर दी। जागरण

संवाद सहयोगी, दातारपुर (होशियारपुर)। यहां दातारपुर में बच्चों के 10वीं के नतीजों से नाखुश अभिभावक स्कूल के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। दातारपुर के रकड़ी हार स्थित संस्कार वैली स्कूल के बच्चों के दसवीं के नतीजे संतोषजनक न आने पर अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर गुस्सा जताया। सड़क पर धरना देते हुए अभिभावकों ने कहा कि स्कूल के 23 विद्यार्थियों ने पेपर दिए थे। इनमें 20 बच्चों के 55 से 62 फीसद व तीन बच्चों के अंक 70 से 80 फीसद रहे। बच्चे परिणाम आने पर भविष्य की योजनाएं बना रहे थे लेकिन अब मुश्किल में फंस गए हैं। जब उन्होंने प्रबंधन से बात की तो कोई संतोषजनक उत्तर न मिला। इसके बाद उन्होंने झीर द खूह-कमाही देवी सड़क पर प्रदर्शन शुरू दिया।

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पेरेंट्स बोले- स्कूल प्रबंधन पर मूल्यांकन में कोताही बरती

अभिभावक रोहणी मिन्हास, विकास कुमार, नीलम कुमारी, चरनजीत कौर, रमा कुमारी, सुनीता देवी, नीलम कुमारी व सरोज ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने कोताही बरतते हुए कम मूल्यांकन किया है। इसी कारण स्कूल का नतीजा बेहद घटिया आया है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क जाम कर दी। इस बारे में सूचना मिलते ही तलवाड़ा थाना इंचार्ज अजमेर सिंह मौके पर पहुंचे और इंसाफ दिलाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।

15 दिन में न्याय न मिला तो वापस कर देंगे फीसः स्कूल प्रबंधक

वहीं, स्कूल प्रबंधक अनिल कुमार ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि सीबीएसई ने जो पोर्टल स्कूल को दिया था, उसमें पिछले नंबर अंकित नहीं थे। उन्होंने भरोसा दिलवाया कि वह भी अभिभावकों के साथ मिलकर बोर्ड से बात करेंगे और फिर से जांच करने की गुहार लगाएंगे। 15 दिन में यदि वह बोर्ड से अंकों के विषय में बच्चों को न्याय नहीं दिलवा सके तो उक्त बच्चों की सारी फीस वापस कर दी जाएगी।

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