जालंधर में हर समय ट्रैफिक जाम से घिरी रहती है पीएपी-बीएसएफ चौक संकरी रोड, चौड़ा करने में नगर निगम फ्लॉप
जालंधर में सड़कों के रखरखाव के नाम पर करोड़ों खर्च देने वाले नगर निगम से शहर में सुगम प्रवेश के लिए एक किलोमीटर से भी कम लंबाई वाली सड़क को चौड़ा करना संभव नहीं हो सका है। पीएपी से बीएसएफ चौक तक हर समय जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। मौजूदा सरकार में ही कांग्रेस के दो मुख्यमंत्री बदल गए। कैप्टन के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने भी प्रदेश की बागडोर संभाल ली, लेकिन जालंधर में सुगमम प्रवेश फिर भी संभव नहीं हो सका। प्रत्येक वर्ष सड़कों के रखरखाव के नाम पर करोड़ों खर्च देने वाले नगर निगम से शहर में सुगम प्रवेश के लिए एक किलोमीटर से भी कम लंबाई वाली सड़क को चौड़ा करना संभव नहीं हो सका है। पीएपी चौक से बीएसएफ की तरफ आ रहा रोड इतना संकरा है कि हर समय ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।
शहर में प्रवेश करने वाले मुख्यमंत्री से लेकर अफसरशाही और जिला मुख्यालय पर काम करवाने के लिए आने वाले लोग इस ट्रैफिक जाम में फंसते हैं। चिंतनीय यह है कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के अन्य जिलों से मरीजों को जालंधर के अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए आ रही एंबुलेंस इस रोड के ऊपर लगने वाले ट्रैफिक जाम में फंसी रहती हैं, लेकिन इस रोड को चौड़ा करने के लिए कोई गंभीर प्रयास ही नहीं हो सका है। हालांकि बीएसएफ चौक से पीएपी की तरफ जाता रोड खासा चौड़ा है।
पीएपी से बीएसएफ की तरफ आ रहा रोड इस वजह से चौड़ा नहीं हो पा रहा है, क्योंकि बाई तरफ सेना की जमीन है और सेना की जमीन को बिना अधिग्रहित किए सड़क को चौड़ा नहीं किया जा सकता है। इस बारे में नगर निगम के मेयर जगदीश राज राजा पूरी तरह से अवगत हैं और बीते वर्षों में वह कई बार यह कह चुके हैं कि सड़क चौड़ा करने के लिए जमीन अधिग्रहण पर विचार किया जाएगा।
नगर निगम जालंधर के पूर्व कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा की तरफ से अपने कार्यकाल के दौरान सड़क को चौड़ा करने के लिए सेना की जमीन अधिग्रहित करने की कवायद चालू की गई थी, लेकिन उनके तबादले के साथ ही यह कवायद बंद हो गई। विधायक राजेंद्र बेरी ने कहा कि सड़क को चौड़ा करने की संभावनाएं तलाशने के लिए तत्काल नगर निगम अधिकारियों को आदेश जारी किए जाएंगे।