बच्चों की लर्निंग बेहतर करने के लिए टीचर्स की ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरु Jalandhar News
शिक्षा विभाग की इस मुहिम का उद्देश्य अध्यपकों को इस बात से वाकिफ कराना है कि उनकी कक्षा में मौजूद प्रत्येक बच्चे की क्या खूबियां हैं और कहां सुधार की जरूरत है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना काल में स्कूल बंद होने पर बच्चों की पढ़ाई कैसे हुई और लर्निंग का क्या स्टेटस रहा, शिक्षकों का अब इस पर फोकस रहेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपलों, हेड मास्टरों, स्कूल इंचार्जों की जूम एप के जरिए ट्रेनिंग शुरू कर दी है। जिसमें अभी से शिक्षक बच्चों को कराई गई पढ़ाई के तहत लेबल पता करेंगे कि बच्चे अभी कहां पर स्टैंड करते हैं। इस दौरान उनकी क्या कमियां रही और क्या उनकी खूबियों हैं। कौन से विषय में वह अच्छे हैं और कौन से विषय में वे कमजोर हैं और क्यों। अच्छे विषय को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा और जिसमें वह कमजोर हैं, उसके तहत प्रोग्राम बना कर उसकी कमियों को दूर किया जाएगा। शिक्षा विभाग की इस मुहिम का उद्देश्य अध्यपकों को इस बात से वाकिफ कराना है कि उनकी कक्षा में मौजूद प्रत्येक बच्चे की क्या खूबियां हैं और कहां सुधार की जरूरत है। इस ट्रेनिंग में जिले के 450 स्कूलों के मुखी, पढ़ो पंजाब-पढ़ाओ पंजाब की टीम, जिला मेंटोर व ब्लॉक मेंटोर शामिल हो रहे हैं।
शिक्षण मेथड को एक्टिविटी बेस्ड बनाने की ट्रेनिंग
रिसोर्स पर्सन जिला मेंटर साइंस हरजीत बावा, जिला मेंटर गणित जसविंदर सिंह और जिला मेंटर अंग्रेजी चंद्रशेखर हैं। जो सभी को ट्रेनिंग के दौरान विद्यार्थियों के लर्निंग परिणाम जांचने के लिए विभिन्न तकनीकों की जानकारी दे रहे हैं। जिसमें लर्निंग आउटकम बेस्ड प्रशन और ऐसे प्रश्न किस तरह से बनाए जा सकते हैं के बारे में बताया। इसके अलावा उनकी तरफ से बच्चों की सूचियों के अनुसार पढ़ाई के तरीकों में बदलाव कर एक्टिविटी बेस्ड पाठ्यक्रम बनाने पर भी टिप्स दिए गए। क्योंकि एक्टिविटी होगी तो बच्चे उसमें इंवॉल्व होकर जल्दी सीखेंगे। टेक्निकल टीम में दीपक कुमार और हरिदर्शन टीम को स्पोर्ट कर रहे हैं।
शिक्षक बच्चों तक पहुंचाएं लाभ इसलिए ट्रेनिंग जरूरी
जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी हरिंदर पाल सिंह का कहना है कि यह ट्रेनिंग विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए ही करवाई जा रही है। सभी स्कूल मुखी इस ट्रेनिंग में भाग लेकर लाभ बच्चों तक पहुंचाएं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई का सारा मटेरियल एजुकेयर ऐप पर अपलोड किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थी और अध्यापक दोनों ही लाभ उठा सकते हैं