ऑनलाइन टेस्ट से विद्यार्थी खुद कर सकेंगे खुद का आंकलन
कोविड-19 की वजह से विद्यार्थी घर में ही ऑनलाइन पढ़ रहे हैं।
अंकित शर्मा, जालंधर
कोविड-19 की वजह से विद्यार्थी डेढ़ माह से घर में ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। अब सीबीएसई और सरकारी स्कूलों ने बच्चों का टेस्ट लेने का भी प्लान तैयार किया है। शिक्षकों का मानना है इस टेस्ट की मदद से बच्चे खुद ही अपनी पढ़ाई का आंकलन कर सकेंगे। वे खुद समझ सकेंगे कि उनकी तैयारी कैसे हुई है।
स्कूलों ने बच्चों को ग्रुपों व निजी तौर पर गूगल पेज की मदद से लिक तैयार करके भेजा है। इसकी मदद से बच्चे स्क्रीन पर टेस्ट पेपर खोल सकते हैं। सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव होंगे। शिक्षक गूगल ड्राइव की मदद से यह टेस्ट ले रहे हैं। जैसे ही बच्चे टेस्ट पेपर भरकर सबमिट करेंगे, कंप्यूटर से उनकी अंक सामने आ जाएंगे। इससे उन्हें खुद ही पता चल जाएगा कि कौन सा जवाब सही है या गलत।
कोरोना वायरस के कारण बच्चे घरों में कैद हैं। वे कहीं बाहर नहीं जा सकते हैं। ऐसे में उनकी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं का दबाव किसी भी प्रकार से उनके मन पर पड़े ये ठीक नहीं है। इसलिए बेहद रोचक ढंग से तस्वीरों के अनुसार व ऑप्शनल तरीके से प्रश्नों के उत्तर देने के लिए टेस्ट पेपर तैयार किया गया है। बच्चे चंद मिनटों में ही पेपर देकर खुद का आंकलन कर सकेंगे। इससे उन पर मानसिक दवाब भी नहीं पड़ेगा।
बरिदर कौर, प्रिंसिपल, सरकारी माडल सह शिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्कूल यह टेस्ट बच्चों के लिए लाभदायक होंगे। हर विषय का यह टेस्ट पेपर तैयार किया गया है। जिसमें दस प्रश्न हैं और प्रत्येक दो-दो अंकों के हैं। आप्शन भी दिए गए हैं, जिसे बच्चों की तरफ से सही उत्तर को चुनना है। पेपर पूरा करने के बाद जैसे ही वे उसे सबमिट कर देंगे उनके अंक स्क्रीन पर आ जाएंगे। जिससे उन्हें अपनी तैयारी का पता चल सकेगा और उन्हें अपनी गलतियां भी पता चल जाएंगी।
- चंद्र शेखर, मेंटोर, जिला अंग्रेजी व एसएसटी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बेहद अच्छे ढंग से हुई है। सिलेबस भी कवर हो गया है। इसलिए बच्चों के लिए सेल्फ एनालेसिस के लिए ही टेस्ट दिए जा रहे हैं। जो ऑनलाइन और शिक्षक को अपनी आंसरशीट भेज कर करवाए जा रहे हैं। जिससे बच्चों की जहां कमियां दिख रही हैं उन्हें वो बताकर उसे दूर करवाया जा रहा है। इसमें बच्चों का भी बेहद अच्छा साथ मिल रहा है।
रचना मोंगा, प्रिंसिपल, संस्कृति केएमवी स्कूल