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जालंधर के ऑन्कोसर्जन डा. रुपिंदर बोले- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ब्रेस्ट कैंसर का डायग्नोसिस बाधित हुआ, इलाज कराना अभी भी महत्वपूर्ण

जालंधर में भार्गव एडवांस्ड गाइन सर्जरी कैंसर सेंटर के सलाहकार ऑन्कोसर्जन डा. रुपिंदर भार्गव ने कहा कि कोविड की वजह से कई लोगों को कैंसर का इलाज बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इलाज कराना अभी भी महत्वपूर्ण है ताकि कैंसर न फैले।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 12:46 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 12:46 PM (IST)
जालंधर के ऑन्कोसर्जन डा. रुपिंदर बोले- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ब्रेस्ट कैंसर का डायग्नोसिस बाधित हुआ, इलाज कराना अभी भी महत्वपूर्ण
भार्गव एडवांस्ड गाइन सर्जरी कैंसर सेंटर के सलाहकार ऑन्कोसर्जन डा. रुपिंदर भार्गव।

जागरण संवाददाता, जालंधर। कोविड की वजह से कई लोगों को कैंसर का इलाज बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कई महिलाएं जिन्होंने अपने स्तनों में गांठ महसूस की थी, वे देश में लगे लॉकडाउन के कारण डायग्नोसिस कराने में सफल नहीं हो पाई थी। इस वजह से उनमें से कई को एडवांस स्टेज में कैंसर का पता चला। वे पहली स्टेज में कैंसर के संकेतों को जान पाए थे लेकिन कोविड की वजह से जांच कराने में असमर्थ रहे। भार्गव एडवांस्ड गाइन सर्जरी कैंसर सेंटर, जालंधर के सलाहकार ऑन्कोसर्जन डॉ रुपिंदर भार्गव ने कहा कि भारत में ओमिक्रोन के खिलाफ लड़ाई में ब्रेस्ट कैंसर का डायग्नोसिस बहुत बाधित हुआ है। कई महिलाएं इलाज के लिए अस्पताल नहीं आ पाईं। अस्पताल में जाते समय इस समय एक खतरा है, लेकिन इलाज कराना अभी भी महत्वपूर्ण है ताकि कैंसर न फैले।

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डा. भार्गव ने आगे कहा कि महिलाओं को पता होना चाहिए कि उनके शरीर में क्या चल रहा है। उन्हें सिखाया जाना चाहिए कि वे कैसे अपने स्तनों की स्वयं जांच करें और फिर जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टरों से किसी भी आशंका के समाधान के लिए जांच करवाए। खुद से स्तनों की जांच करना 30 साल की उम्र से शुरू हो जाना चाहिए। इसके अलावा जब एक महिला 40 साल की हो जाए तो उसे साल में एक बार मैमोग्राम टेस्ट करवाना शुरू कर देना चाहिए।

डा. भार्गव ने आगे कहा कि ज्यादा वजन होना ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा शराब का सेवन भी ब्रेस्ट कैंसर का एक जोखिम फैक्टर है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि महिलाएं स्वस्थ लाइफस्टाइल का पालन करें। महिलाओं को लगातार स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहिए और शारीरिक गतिविधि को करते रहना चाहिए। उन्हें फलों और सब्जियों का भी भरपूर सेवन करना चाहिए। उन्हें मां बनने पर एक साल तक या उससे ज्यादा समय तक अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए इससे स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है। 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को भी हार्मोन से बचना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की जाचं करवाते रहें। ये सभी सावधानियां ब्रेस्ट कैंसर के होने की संभावना को काफी कम कर सकती हैं।


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