बुजुर्ग या दिव्यांग मतदाता ले सकेंगे ‘साथी’ की मदद, प्रीसाइडिंग अफसर से लेनी होगी मंजूरी
साथी का किसी भी राजनीतिक पार्टी से सीधा कोई संबंध नहीं होना चाहिए। आयोग के अनुसार खून के रिश्ते वाले व्यक्तियों को साथी के तौर पर प्राथमिकता दी जाएगी।
जासं, जालंधर। बुजुर्ग और शारीरिक रूप से असमर्थ वोटरों के लिए अच्छी खबर है। वे वोटिंग के दिन ईवीएम का बटन दबाने के लिए किसी साथी की मदद ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें पहले प्रीजाइडिंग अफसर की मंजूरी लेनी होगी। बुजुर्ग या दिव्यांग मतदाता साथी को ईवीएम वाले केबिन में ले जा सकते हैं और उसे उनकी तरफ से बताए चुनाव चिन्ह का बटन दबबा सकते हैं।
इलेक्शन कमीशन के प्रिजाइडिंग अफसरों के लिए जारी की गई बुकलेट नंबर तीन में यह सुविधा दी गई है। हालांकि साथी का किसी भी राजनीतिक पार्टी से सीधा कोई संबंध नहीं होना चाहिए। वहीं, ऐसे साथी के तौर पर ब्लड रिलेशन वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। चुनाव आयोग ने इस बारे में सभी प्रीजाइडिंग अफसरों और वोटरों को जागरूक करने की हिदायत जारी की है।
बता दें कि अभी तक पोलिंग बूथ के उस हिस्से में अकेला वोटर ही जाता है या बटन दबाते वक्त वो अकेला होता है, जहां ईवीएम रखी जाती है। इलेक्शन तहसीलदार मनजीत सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि एक व्यक्ति किसी एक वोटर का ही साथी बन सकता है। उसे दूसरी बार किसी दूसरे वोटर का साथी बनने की इजाजत नहीं दी जाएगी। किसी वोटर को साथी की सुविधा देनी है या नहीं, यह फैसला प्रिजाइडिंग अफसर अपनी तसल्ली के बाद ही लेगा।
एनसीसी कैडेट्स और एनएसएस स्वयंसेवक होंगे तैनात
एनसीसी, एनएसएस वालंटियर भी करेंगे मदद पोलिंग बूथों पर दिव्यांग व बुजुर्ग वोटरों को इस बार चुनाव आयोग से भी पूरी मदद मिलेगी। इसके लिए हर बूथ पर दो या उससे ज्यादा एनसीसी के कैडेट्स या एनएसएस के वालंटियर तैनात किए जाएंगे। खास बात यह होगी कि यह सब 18 साल से कम उम्र वाले ही रखे जाएंगे ताकि वोटिंग के दौरान कोई गड़बड़ी के आरोप न लगा सके। इस बारे में वीरवार को चुनाव अफसरों की मीटिंग भी है।