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जालंधर कैंट में बिल्डिंग बायलॉज नहीं, फायदा उठा करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे अधिकारी

जालंधर कैंट बोर्ड में बिल्डिंग बायलॉज न होने के कारण अधिकारी मनमानी कर चांदी कूट रहे हैं। आम आदमी भ्रष्टाचार से त्रस्त है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 01:21 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 01:21 PM (IST)
जालंधर कैंट में बिल्डिंग बायलॉज नहीं, फायदा उठा करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे अधिकारी
जालंधर कैंट में बिल्डिंग बायलॉज नहीं, फायदा उठा करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे अधिकारी

संवाद सहयोगी, जालंधर छावनी। हैरानी की बात है। जालंधर कैंट बोर्ड में बीते 25 सालों से बिल्डिंग बायलॉज नहीं बनाए गए हैं। लोग परेशान रहते हैं कि किसको कैसे मकान बनाना है, कितनी उंचाई रखनी है और उसका स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए। इसी की आड़ में कैंट बोर्ड के संबंधित अधिकारी व कर्मचारी आंखें बंद कर कमाई करने में लगे हुए हैं। लोगों का आरोप है कि बिल्डिंग बायलॉज न होने से अधिकारी करोड़ों रुपये की संपत्ति बना चुके हैं। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।

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फायदा कैंट बोर्ड के पार्षद भी उठा रहे हैं। वे अपने चहेतों के तो बकान बनवा देते हैं परंतु आम जनता जिसकी पहुंच मात्र अपने तक ही सीमित है, उनसे बोर्ड के अधिकारी खूब कमाई कर रहे हैं। साफ छवि का नारा बुलंद करने वाले पार्षद आंखें बंद किए बैठे हैं।

इस संबंध में कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने 1995 कार्यकाल में बिल्डिंग बायलॉज पास करवाने के लिए आला अधिकारियों के पास भेजा था पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका खामियाजा जनता भुगत रही है। उन्होंने कहा की बड़ी विडंबना है कि कैंट में पिछले 25 वर्षों से बिल्डिंग बायलॉज ही नहीं है और अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कैंट बोर्ड अधिकारियों की जायज-नाजायज शर्तें नहीं मानता, उन्हें नोटिस भेजकर पीपी एक्ट लगाकर सील कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब बिल्डिंग बायलॉज ही नहीं है तो सील कैसे कर सकते हैं पर अधिकारी सील करने के नाम पर कमाई करने में लगे हुए हैं।
 

समाज सेवक राम सहदेव का कहना है कि कैंट बोर्ड के अधिकारी पिछले 25 वर्षों से खूब चांदी कूट रहे हैं। कैंट बोर्ड सीमित जमीनी दायरे में बसा हुआ है और परिवार बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को मजबूरन मकान बनाने पड़ रहे हैं, जिसका फायदा अधिकारी उठा रहे हैं। ऐसे अधिकारी भी हैं जिनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। इसकी सीबीआइ जांच चाहिए।

सीईओ बोली, जल्द लागू होंगे बिल्डिंग बायलॉज
इस संदर्भ में सीईओ मीनाक्षी लोहिया का कहना है कि बिल्डिंग बायलॉज पास करवाने के लिए हाईकमान को भेजा हुआ है, जल्द ही लागू हो जाएगा।


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