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DC Office Jalandhar Scam: विदेश में बैठे नंबरदाराें काे बिना काम किए बांट दिया करोड़ों का मान भत्ता

नंबरदार विदेश में बैठे हैं और उनके बैंक खाते में महीने का डेढ़ हजार का मान-भत्ता मिल रहा है। कई नंबरदार काम ही नहीं कर रहे फिर भी पैसा पूरा मिल रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:46 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 09:38 AM (IST)
DC Office Jalandhar Scam: विदेश में बैठे नंबरदाराें काे बिना काम किए बांट दिया करोड़ों का मान भत्ता
DC Office Jalandhar Scam: विदेश में बैठे नंबरदाराें काे बिना काम किए बांट दिया करोड़ों का मान भत्ता

जालंधर, [मनीष शर्मा}।  नंबरदार विदेश में बैठे हैं और उनके बैंक खाते में महीने का डेढ़ हजार का मान-भत्ता जमा हो रहा है। कई नंबरदार काम ही नहीं कर रहे, फिर भी पैसा पूरा मिल रहा है। डीसी ऑफिस में कुछ पटवारियों व तहसील स्टाफ की साठगांठ से पिछले काफी समय से नंबरदारी का घोटाला चल रहा है।

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जितने नंबरदार बनाए गए हैं, उनमें से नियमित तौर पर काम करने वाले गिने-चुने हैं। इसके बावजूद डीसी दफ्तर से न तो कभी इनकी प्रभावी जांच हुई और न ही मान-भत्ता रोका गया।पिछले साल डीसी दफ्तर से इन्हें साढ़े तीन करोड़ का भत्ता जारी किया गया। हैरानी की बात तो यह है कि भत्ता देने से पहले कोई वेरीफिकेशन तक नहीं की जाती। जो लिस्ट बनी है, उसके आधार पर दफ्तर बैठे कर्मचारी खातों में पैसा ट्रांसफर करते जा रहे हैं।

नंबरदारों की हाजिरी लगाने तक की कोई व्यवस्था नहीं है। बुधवार को तहसीलदार के दूसरे इलाके के नंबरदार की गवाही की मुहर काटने के बाद हुए हंगामे को देख दैनिक जागरण ने इसकी वजह जानने के लिए पड़ताल की, जिसमें यह गोरखधंधा उजागर हुआ।

ऐसे चलता है पूरा खेल

जमीन व उसके मालिक की वेरीफिकेशन करने के लिए नंबरदार नियुक्त किए जाते हैं। रजिस्ट्री के लिए नंबरदार की गवाही जरूरी होती है।

नंबरदार सीधे पटवारी व तहसील से जुड़े होते हैं। इलाके में नंबरदार सक्रिय है या नहीं, यह देखने का जिम्मा पटवारी का है। अगर नंबरदार अपने इलाके की प्रॉपर्टी पर गवाही नहीं डाल रहा या फिर उसकी जगह कोई दूसरा गवाही दे रहा है तो इसे चैक करने का काम रजिस्ट्री करते वक्त तहसील के स्टाफ व तहसीलदार का है। इसके बावजूद आपस में मिल-जुलकर पूरा खेल चल रहा है। पटवारी व तहसील स्टाफ इसके बारे में बड़े अफसरों को कुछ नहीं बताता, जिसके चलते नंबरदारों के नाम पर हर साल करोड़ों का मान-भत्ता जारी हो रहा है। सवाल यह उठता है कि जब वे काम ही नहीं कर रहे तो इसका बंटवारा अब कहां हो रहा है? इसका अंदाजा सहज लगा सकते हैं। आपसी मिलीभगत से कई नंबरदारों की जगह पर उनके एजेंट ही इस काम को अंजाम दे रहे हैं।

1897 नंबरदारों को बांटे 3.41 करोड़

डीसी दफ्तर का रिकॉर्ड देखें तो पिछले साल जिले के 1897 नंबरदारों को मान-भत्ते के तौर पर 3.41 करोड़ से ज्यादा की रकम बांटी गई। यह रकम सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की गई।

जांच करे प्रशासन : कलेर

पंजाब नंबरदार यूनियन के जालंधर टू के प्रधान चंदर कलेर कहते हैं कि तहसीलों में अप्वाइंटमेंट के हिसाब से नंबरदार काम नहीं करते। प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए। जो नंबरदार विदेश में हैं या वहां पक्के सैटल हो चुके हैं और जो काम नहीं कर रहे, उनकी नंबरदारी रद करनी चाहिए। उनका मान भत्ता भी बंद किया जाना चाहिए। इसकी जगह प्रशासन नए लोगों को नंबरदार बनाए, ताकि जनता को कामकाज में आसानी हो सके।

 डिसमिस करेंगे : डीसी

 डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने इसमें पूरी सख्ती बरती है। उनके आने के बाद 25 से 30 नंबरदार डिसमिस किए जा चुके हैं। अगर कोई काम नहीं कर रहा या बिना छुट्टी लिए विदेश गया है तो तय प्रक्रिया के हिसाब से उन्हें तीन महीने का नोटिस देकर डिसमिस कर दिया जाएगा। अगर नंबरदार यूनियन के पास ऐसे नंबरदारों के बारे में जानकारी है तो हमें लिखकर दे, उसकी जांच करवाकर सख्त कार्रवाई करेंगे।

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