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दो साल बाद डेंगू के डंक ने दिखाए रंग

जिले में दो साल बाद डेंगू के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 07:34 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:34 PM (IST)
दो साल बाद डेंगू के डंक ने दिखाए रंग
दो साल बाद डेंगू के डंक ने दिखाए रंग

जगदीश कुमार, जालंधर

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सेहत विभाग और जिला प्रशासन के तमाम प्रबंधों के बावजूद हर साल लोगों को डेंगू के डंक का दर्द झेलना पड़ता है। लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न विभागों की बनाई कमेटियां फाइलों में ही सिमट कर रह गई। सेहत विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो हर तीन साल बाद डेंगू का डंक अपना रंग दिखा रहा है। हालांकि इस बार दो साल बाद ही डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस साल जिले में 631 लोग डेंगू के डंक के शिकार हो चुके हैं। जिले में डेंगू से पांच मौतें भी हो चुकी हैं, परंतु सेहत विभाग की ओर से एक की भी पुष्टि नहीं की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डा. सतीश कुमार का कहना है कि डेंगू चार प्रकार का होता है। हर साल बरसात के दिनों में तापमान के आधार पर डेंगू पनपता है। जिन इलाकों में डेंगू के ग्राफ में उछाल आता है, अगले साल वहां इसका प्रभाव कम होता है। मुलाजिम कर रहे गृह जिलों में मौज

सेहत विभाग के अनुसार जिले में मेल हेल्थ वर्करों के कुल 224 पद हैं। इनमें से 92 पद लंबे अर्से से खाली पड़े हैं। 41 फीसद स्टाफ की कमी के अलावा करीब तीन दर्जन के करीब मुलाजिम अपने गृह जिलों या फिर अफसरों की तिमारदारी में जुटे हैं। शहर में हालात और भी नाजुक है। शहर में 25 मुलाजिमों में से 16 मुलाजिम डेंपुटेशन पर अपने गृह जिलों में सरकारी नौकरी का मजा लूट रहे हैं। मच्छर पकड़ कर जांच के लिए भेजने वाले मुलाजिमों के तीन पद हैं, जिनमें से दो खाली पड़े हैं। फागिग को लेकर तरसे लोग

डेंगू का प्रकोप बढ़ने के साथ नगर निगम की ओर से वार्ड स्तर पर फागिंग करने के तमाम दावे खोखले साबित हुए। शहर के अधिकांश इलाकों में लोग फागिंग करवाने के लिए गुहार लगाते रहे, परंतु नतीजे ढाक के तीन पात रहे। लोगों का कहना है कि निगम ने मुख्य मार्गो व अधिकारियों के घरों के आसपास फागिंग कर ड्यूटी पूरी की है।

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कोट्स तापमान में गिरावट के बाद मरीजों की संख्या में कमी आने लगी है। डेंगू तकरीबन दो-तीन साल बाद कई इलाकों में दोबारा सक्रिय होता है। बरसात से पहले लोगों में जागरूकता से डेंगू को पनपने से रोका जा सकता है। मुलाजिमों की कमी के चलते विभाग के आला अधिकारियों को डेपुटेशन पर गए मुलाजिमों वापस भेजने की बात लिखी जाएगी।

डा. रणजीत सिंह, सिविल सर्जन

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जिले में डेंगू केस

साल डेंगू केस

2015 1047

2016 580

2017 455

2018 700

2019 415

2020 236

2021 631

------ माह--घर--लारवा मिला--कमरों में कीटनाशक का छिड़काव अक्टूबर--5880--175--4240

नवंबर--8970--151--2978

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हाईलाइटर

224 पद हैं मेल हेल्थ वर्करों के

92 पद खाली पड़े हैं लंबे अर्से से

41 फीसद स्टाफ की है कमी

36 कर्मी अफसरों की तिमारदारी में जुटे

25 में से 16 मुलाजिम डेंपुटेशन पर

-------- डेंगू के हाट स्पाट इलाके

लम्मा पिड

दियोल नगर

गुलाब देवी रोड़

बस्ती शेख

इस्लाम गंज

संतोख पुरा

जालंधर छावनी

रामा मंडी

काजी मंडी

ग्रीन एवेन्यू

गुरु नानक नगर

हरगोबिद नगर

शास्त्री मार्केट

अर्बन एस्टेट फेज-1 व 2

गोल्डन एवेन्यू फेज-2

हरदयाल नगर


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