Move to Jagran APP

सात सीटों वाला वाहन चलाने के लिए अलग डीएल की जरूरत नहीं, नए नियमों में मिली राहत Jalandhar News

हले इसके लिए एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के बाद एक साल इंतजार कर लाइट ट्रैफिक व्हीकल (एलटीवी) का दूसरा डीएल बनवाना पड़ता था।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:34 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 04:37 PM (IST)
सात सीटों वाला वाहन चलाने के लिए अलग डीएल की जरूरत नहीं, नए नियमों में मिली राहत Jalandhar News
सात सीटों वाला वाहन चलाने के लिए अलग डीएल की जरूरत नहीं, नए नियमों में मिली राहत Jalandhar News

जालंधर, मनीष शर्मा। अब इनोवा-फॉर्च्यूनर जैसी सात सीटों वाली कार चलाने के लिए आपको अलग से ड्राइविंग लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं, लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) डीएल पर ही इसे चला सकेंगे। यही नहीं कैब के लिए भी अब यही सुविधा दी गई है। पहले इसके लिए एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के बाद एक साल इंतजार कर लाइट ट्रैफिक व्हीकल (एलटीवी) का दूसरा डीएल बनवाना पड़ता था। केंद्र सरकार के मोटर व्हीकल एक्ट में किए संशोधन के बाद यह राहत मिली है।

loksabha election banner

इसके बाद अब सिर्फ लाइट मोटर व्हीकल व हैवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस ही रह गए हैं। पहले से चल रही ड्राइविंग लाइसेसों की अलग-अलग केटेगिरी को अब खत्म कर दिया गया है। संशोधन लागू होने के बाद अब आरटीए जालंधर से लोगों के इसी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने लगे हैं।

पहले एक साल बाद मिलता था दूसरा लाइसेंस

ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से पहले हर आवेदक का लर्निंग डीएल से स्कूटर-कार का एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाता था। इसमें आप दोपहिया वाहन और पांच सीट की कार चला सकते थे। फिर इसके एक साल बाद ड्राइविंग लाइसेंस को अपग्रेड कर लाइट ट्रैफिक व्हीकल यानि एलटीवी बनवाना पड़ता था। इसमें सात सीटर कार, कैब चलाने के लिए एलएमवी-टीआर, एलएमवी-कैब व एलएमबी जीवी वाले लाइसेंस बनते थे। ट्रैक्टर ट्रॉली व थ्री-व्हीलर चलाने के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस को अपग्रेड कराना पड़ता था। अब इन सब केटेगिरी को खत्म कर दिया गया है। दोपहिया व सामान्य कार से लेकर बड़ी कारें, टैंपो तक एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस पर ही चलाए जा सकते हैं।

ट्रक व बस का एक ही ड्राइविंग लाइसेंस

मोटर व्हीकल एक्ट के नए संशोधन के बाद अब ट्रक व बस चलाने के लिए एक ही तरह का ड्राइविंग लाइसेंस होगा। पहले बस के लिए अलग ड्राइविंग लाइसेंस होता था और ट्रक के लिए अलग। अब नई केटेगिरी में बस व ट्रक को एक ही केटेगिरी ट्रांस (टीआरएएनएस) का लाइसेंस दिया जाएगा।

एक साल बाद अब एलएमवी से ट्रांसपोर्ट

हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों को भी इससे बड़ी राहत मिली है। अब वो एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस बनने के एक साल बाद ही हैवी यानि ट्रांस ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। पिछली प्रक्रिया में एलएमवी के एक साल बाद एलटीवी डीएल बनता था और फिर हैवी बनाया जा सकता था। जिसमें अब बस व ट्रक चलाने के इच्छुक लोगों को बड़ी सुविधा मिल गई है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.