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अब हवा में बातें करेंगी ट्रेन, पठानकोट-जम्मूतवी रेल सेक्शन पर रावी पुल का काम पुरा

पठानकोट में रावी पुल का काम पूरा हो गया है। 15 मार्च को चीफ रेलवे सेफ्टी बड़ौदा हाउस नई दिल्ली नए बने पुल का इंस्पेक्शन करेंगे। इंस्पेक्शन में फिट मिलने के बाद इसे शुरु कर दिया जाएगा। पुल शुरु होने के बाद ट्रेनों को माधोपुर-कठुआ नहीं रुकना पड़ेगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 06 Mar 2022 03:59 PM (IST)Updated: Sun, 06 Mar 2022 03:59 PM (IST)
15 मार्च को चीफ रेलवे सेफ्टी बड़ौदा हाउस नई दिल्ली नए बने पुल का इंस्पेक्शन करेंगे।

विनोद कुमार, पठानकोट। पठानकोट-जम्मूतवी रेललाइन दोहरीकरण में एक मात्र शेष रहते रावी पुल का काम पूरा हो गया है। 15 मार्च को चीफ रेलवे सेफ्टी बड़ौदा हाउस नई दिल्ली नए बने पुल का इंस्पेक्शन करेंगे। इंस्पेक्शन में फिट मिलने के बाद इसका शुभारंभ कर दिया जाएगा। इससे ट्रेनों को माधोपुर-कठुआ नहीं रुकना पड़ेगा। इससे जहां रेलवे को आर्थिक तौर पर लाभ होगा, वहीं यात्रियों के समय की भी बचत होगी। इसके अलावा नई ट्रेनें शुरू होने का रास्ता भी खुल जाएगा।

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दो साल लेट हो गया पुल का काम

270 किलोमीटर जालंधर-जम्मूतवी रेल सेक्शन के दोहरकीरण के बीच केवल रावी पुल मेन वजह बन रही थी। पुल न होने के कारण माधोपुर और कठुआ रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोक कर चलाना पड़ता था। इससे जहां यात्रियों का समय खराब होता था, वहीं रेलवे को भी आर्थिक तौर पर नुक्सान होता था। इसी बात को देखते हुए रेलवे ने 2016 में रावी पर पुल बनाने के काम को मंजूरी दी। 2017 में काम शुरू किया गया, जिसे 2019 में पूरा किया जाना था। शुरुआत में ही काम छह महीने पीछे हो गया। इसके बाद कोरोना के चलते लेबर वापस चली गई। फिर इसकी अवधि सितंबर 2020 कर दी गई। जानकारी अनुसार इस पुल को बनाने की डेडलाइन करीब छह बार आगे बढ़ाई गई है। इतनी डेडलाइन आगे बढ़ने से इस 900 मीटर लंबे पुल की लागत भी 90 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च आई है। पुल पर 20 पिल्लर बनाए गए हैं। रेलवे ने पुल बनने से पहले ही विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया था।

डबल ट्रैक होने से समय की होगी बचत

वैसे तो जालंधर-जम्मूतवी तक ट्रैक डबल है परंतु रावी पर पुल न होने की वजह से इसका काम अधूरा था। पुल बनने के बाद अप-डाउन की गाड़ियां बिना किसी देरी के गंत्वय को रवाना होंगी। इससे यात्रियों के समय की भी बचत होगी ओर रेलवे को भी आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा। रेलवे अधिकारियों की माने तो पुल शुरु होने के बाद लोकल ट्रेनों के अलावा लंबी दूरी की भी तीन से चार ट्रेनें शुरु करने का मार्जन मिल जाएगा।

नार्दर्न रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने बताया कि जालंधर-जम्मूतवी 270 किलोमीटर ट्रैक पर दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका है। लेकिन, माधोपुर-कठुआ रेलवे स्टेशनों के बीच पड़ते रावी दरिया पर नया पुल न होने के कारण ट्रेनों को रोक कर चलाया जाता था। अब नया पुल तैयार हो गया है। संभवता 15 मार्च को चीफ रेलवे सेफ्टी बड़ाैदा हाउस पुल का इंस्पेक्शन करेंगे। फिट मिलने के बाद पहले गुड्स ट्रेनों को चलाया जाएगा उसके बाद धीरे-धीरे एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों को चलाया जाएगा।


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