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अब सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थी पढ़ेंगे गांधीगीरी का पाठ, 'नान वायलेंट कंयुनिकेशन' कोर्स शुरू

ट्रेनिंग एंड स्किल एजुकेशन डायरेक्टर डा. विश्वजीत साहा ने सभी प्रिंसिपलों को हिदायतें जारी कर दी हैं कि इसमें ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षक और अभिभावक हिस्सा लें। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू इस कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो चुकी है।

By Edited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 07:15 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 09:21 AM (IST)
अब सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थी पढ़ेंगे गांधीगीरी का पाठ, 'नान वायलेंट कंयुनिकेशन' कोर्स शुरू
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलेगी राहत। (फाइल फाेटाे)

जालंधर, [अंकित शर्मा]। अब सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को शिक्षक गांधीगीरी का पाठ भी पढ़ाएंगे। इसके लिए आनलाइन 'नान वायलेंट कंयुनिकेशन' कोर्स शुरू किया जा रहा है। कोर्स के लिए कोई फीस नहीं है। बोर्ड का मानना है कि विद्यार्थियों को हिंसक के बजाय अहिंसावादी बनाना ही समय की मांग है, इसलिए यह कोर्स शुरू किया गया है। इससे छात्राें काे काफी राहत मिलेगी।

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इसमें भाग लेने वालों को वेबिनार, लेक्चर्स आदि के जरिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अ¨हसा व सत्य के सिद्धांत के बारे में पढ़ाया जाएगा। यह कोर्स गांधी स्मृति दर्शन समिति के सहयोग से शुरू किया जा रहा है, जिसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक और अभिभावक भी भाग ले सकते हैं।

इस बाबत ट्रेनिंग एंड स्किल एजुकेशन डायरेक्टर डा. विश्वजीत साहा ने सभी प्रिंसिपलों को हिदायतें जारी कर दी हैं कि इसमें ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक हिस्सा लें। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू इस कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो चुकी है।

कोर्स करने के इच्छुक विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों को पहले रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। कोर्स में ¨प्रसिपल और शिक्षकों के लिए अलग-अलग लिंक दिया गया है। इस कोर्स के लिए पाठ्य सामग्री व किताबें बोर्ड की तरफ से ही मुहैया करवाई जाएंगी।

कॉलेज, उच्च शिक्षा संस्थान खोलने के नियम

-कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट कब खुलेंगे, इस पर फैसला उच्च शिक्षा विभाग करेगा। 

-ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।

-फिलहाल केवल रिसर्च स्‍कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्‍टूडेंट्स जिन्‍हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्‍थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्‍थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्‍यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।

 

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