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Punjab: स्कूल हेड अब विद्यार्थियों, शिक्षकों के डाटा के साथ-साथ किताबों का विवरण भी करेंगे अपडेट

अधिकतर स्कूलों ने पुस्तकोंकी जानकारी अपडेट नहीं की है। इस कारण मुख्य दफ्तर में किताबों के वितरण संबंधी किए जा रहे मूल्यांकन में मुश्किलें आ रही हैं। इसके बाद अब शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने स्कूल हेड्स को चेतावनी जारी कर दी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 02:59 PM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 02:59 PM (IST)
Punjab: स्कूल हेड अब विद्यार्थियों, शिक्षकों के डाटा के साथ-साथ किताबों का विवरण भी करेंगे अपडेट
शिक्षा सचिव ने जल्द से जल्द पुस्तकों का विवरण अपडेट करने को कहा है। फाइल फोटो

अंकित शर्मा, जालंधर। स्कूल हेड को अब विद्यार्थियों, शिक्षकों का डाटा के साथ-साथ किताबों की सप्लाई व वितरण की रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग के ई-पंजाब पोर्टल पर अपडेट करना होगा। इसे लेकर शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने राज्य भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारी एलिमेंटरी, जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी और स्कूल प्रमुखों चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि स्कूल हेड तुरंत किताबों का वितरण अपडेट करें। किताबों का वितरण अप्रैल से शुरू हो गया था और साढ़े चार महीने बीत जाने के बाद भी अधिकतर स्कूलों ने इसकी जानकारी अपडेट नहीं की गई। इसका मुख्य कारण है कि स्कूलों में किताबें पहुंचने के बाद भी सूचना अपडेट नहीं की गई। इस वजह से मुख्य दफ्तर में किताबों के वितरण संबंधी किए जा रहे मूल्यांकन में मुश्किलें आ रही हैं।

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इसलिए सभी को हिदायतें दी जाती हैं कि स्कूल प्रमुख अपने-अपने स्कूलों की रिपोर्ट पर तुरंत गौर करें। जिसकी तरफ से विद्यार्थियों को बांटी गई किताबों की जानकारी अपडेट नहीं की गई है वे प्रक्रिया को पूरा करें। लापरवाही करने वाले स्कूल मुखियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यही नहीं, अगर किसी स्कूल में डिमांड से अत्यधिक किताबें पहुंची है या जहां कम पहुंची तो उसकी जानकारी भी सभी को अपडेट करनी होगी ताकि जरूरतानुसार स्कूलों में किताबों को पहुंचाने का प्रबंध भी किया जा सके। बता दें कि कोविड काल की वजह से पहले ही अध्यापकों की तरफ से पिछले वर्ष की किताबें विद्यार्थियों से मंगवा ली गई थी ताकि जब तक किताबों की सप्लाई तक किताबें नहीं पहुंचती विद्यार्थियों की पढ़ाई पुरानी किताबों के सहारे ही चलती रहे। जब नई किताबें आने लगी तो उन्हें शिक्षकों की तरफ से रिप्लेस भी करना शुरू कर दिया गया था।


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