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Punjab Congress Strife: अब नवजोत सिद्धू के 'घर' में लगे कैप्टन के पक्ष में होर्डिग, गुरु का खेमा शांत

Punjab Congress Strife पंजाब कांग्रेस का विवाद अब बढ़ता जा रहा है। राज्‍य में मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में पोस्‍टर और होर्डिंग्‍स लगाए जा रहे हैं। अब नवजाेत सिंह सिद्धू के क्षेत्र अमृतसर में कैप्‍टन अमरिंदर‍ के पक्ष में पोस्‍टर और होर्डिंग्‍स लगाए गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 06:50 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 07:42 AM (IST)
Punjab Congress Strife: अब नवजोत सिद्धू के 'घर' में लगे कैप्टन के पक्ष में होर्डिग, गुरु का खेमा शांत
अमृतसर में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में लगे होर्डिंग्‍स। (जागरण)

अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। Punjab Congress Strife: पंजाब कांग्रेस में कैप्‍टन बनाम सिद्धू द्वंद तेज हो गया है और पोस्‍टर युद्ध तेज हो गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में चल रही सियासी खींचतान अब राज्‍यभर में स़ड़कों पर पहुंच गया है। कैप्‍टन के समर्थन में अब सिद्धू के क्षेत्र में भी होर्डिंग्‍स और पोस्‍टर-बैनर लगा दिए गए हैं। राज्य के अन्य शहरों की तरह अमृतसर में भी कैप्टन के समर्थकों ने उनके पक्ष में होर्डिग लगाने शुरू कर दिए हैं।

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सिद्धू के पटियाला में कैंप आफिस बनाने के बाद किनारा करने लगे समर्थक

इस पर सिद्धू समर्थकों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। सिद्धू की ओर से पटियाला में कैंप आफिस बनाए जाने के बाद से गुरुनगरी में सिद्धू के समर्थक शांत हो गए हैं। कांग्रेस सरकार में करीब पौने दो साल से हाशिये पर चल रहे सिद्धू को लेकर राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सिद्धू के समर्थक उनसे किनारा करने लग गए हैं।

अमृतसर में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में लगी होर्डिंग। (जागरण)

मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू और एनएसयूआइ के प्रदेश प्रधान अक्षय शर्मा ने शहर में कई जगह कैप्टन की फोटो के साथ 'पंजाब दा इक ही कैप्टन' (पंजाब का एक ही कैप्टन) का संदेश देते हुए होर्डिग लगवाए हैं। एनएसयूआइ के होर्डिग में 'कैप्टन इक ही हुंदा है, (कैप्टन एक ही होता है) कैप्टन अमरिंदर सिंह, कैप्टन फार 2022' का नारा दिया गया है। यह होर्डिग कई तरह के इशारा कर रहे हैं। सिद्धू के विधानसभा हलके के कुछ पार्षदों को छोड़कर अन्य कांग्रेसी सिद्धू की कोठी तक पहुंच नहीं कर रहे हैं।

खास बात यह भी है कि किसान आंदोलन के समर्थन में सिद्धू ने 25 मई को काला दिवस मनाने का एलान किया था। उन्होंने अपनी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू के साथ अपने पटियाला स्थित आवास पर काला झंडा लगाया। वहीं उनकी बेटी राबिया सिद्धू ने अमृतसर स्थित सिद्धू आवास पर काला झंडा लगाया था। लेकिन, उनके किसी भी समर्थक या उनके करीबी कहे जाने वाले पार्षदों ने अपने घरों की छत पर काला झंडा लगाकर केंद्र सरकार का विरोध तक नहीं किया। एक कांग्रेस नेता के अनुसार सिद्धू अमृतसर में अपनी सियासी जमीन खोते नजर आ रहे हैं।

गुरुनगरी में सिद्धू विरोधी खेमा सक्रिय

दरअसल नवजाेत सिंह सिद्धू को सरकार या पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) में एडजस्ट करने की चर्चाओं के बीच सिद्धू विरोधी भी सक्रिय हो गए हैं। शहर में कई राजनीतिक पदों (मेयर, चेयरमैन आदि) पर सिद्धू विरोधी ही विराजमान है। वह खुलकर कैप्टन को अपना नेता बता रहे हैं, क्योंकि वह जानते हैं कि अगर सिद्धू को कोई बड़ा पद मिला तो सिद्धू उनका नुकसान करेंगे।

शहर में लगे थे गुमशुदगी के पोस्टर

सिद्धू का उनके अपने विधानसभा हलके में विरोध हो रहा है। विगत पांच जून को इस हलके में सिद्धू की गुमशुदगी के पोस्टर लगे थे। यह पहला मौका नहीं है जब सिद्धू की गुमशुदगी के पोस्टर लगे हों। इससे पूर्व 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले भी शहर में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लगे थे।


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