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जालंधर में साइबर अपराधियों के निशाने पर आई कैप्टन की मुफ्त स्मार्ट फोन स्कीम

फर्जी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए नाम मोबाइल नंबर व उम्र पूछी जा रही है। पुलिस को आशंका है कि साइबर ठग इस जानकारी का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना सकते हैं।

By Edited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 05:41 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 10:57 AM (IST)
जालंधर में साइबर अपराधियों के निशाने पर आई कैप्टन की मुफ्त स्मार्ट फोन स्कीम
जालंधर में साइबर अपराधियों के निशाने पर आई कैप्टन की मुफ्त स्मार्ट फोन स्कीम

जालंधर [मनीष शर्मा]। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की युवाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन देने की स्कीम लांचिंग के दो दिन बाद ही साइबर अपराधियों के निशाने पर आ गई है। इसमें रजिस्ट्रेशन के नाम पर फोन नंबर जुटाया जा रहा है ताकि बाद में फोन कर ठगी कर सकें। साइबर सेल इसको लेकर अलर्ट हो गया है। अभी शिकायत नहीं मिली है। इसके बावजूद सेल अपने स्तर पर पड़ताल में जुट गया है।

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साइबर ठग लिंक के जरियें मांग रहे गोपनीय जानकारी

स्मार्ट फोन के नाम पर ऑनलाइन ठगी के लिए एक लिंक जारी किया गया है, जिसमें रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक लिंक दिया गया है। इसमें मुफ्त स्मार्ट फोन पाने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिया गया है। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तस्वीर के साथ स्मार्ट फोन स्कीम 2020 लिख तस्वीर लगाई गई है। इसके नीचे कैप्टन स्मार्ट फोन डिस्ट्रिब्यूशन स्कीम 2020 और पंजाबी में भी यही लिखा हुआ है। इसमें कैप्टन की तरफ से दिए जा रहे स्मार्ट फोन की फोटो भी लगाई गई है।

जिस मैसेज के साथ यह लिंक भेजा जा रहा है, वह पंजाबी में लिखा हुआ है। मैसेज में कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह स्मार्ट फोन योजना के तहत मोबाइल दिए जा रहे हैं। इसके लिए इस वेबसाइट पर फ्री में रजिस्ट्रेशन करें। रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर व उम्र पूछी जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि यहां से मोबाइल नंबर मिलने के बाद उस पर फोन कर साइबर ठग लोगों से बैंक खाते की जानकारी और ओटीपी मांगकर उन्हें चूना लगा सकते हैं। यही नहीं, जो लिंक इस मैसेज में दिया जा रहा है, वह ब्लॉग का है और उसका नाम सीएम नहीं बल्कि पीएम स्मार्ट फोन योजना रखा गया है।

इसके अलावा अगर आप इस लिंक को खोलकर रजिस्ट्रेशन नहीं करते और पीछे आने की ऑप्शन चुनते हैं तो मैसेज आता है कि 'केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना में रजिस्टर करके 3500 रुपये पाने के लिए इस फॉर्म को पूरा ठीक से भरें'। इसका पता चलने के बाद पुलिस भी सतर्क हो गई है और साइबर सेल ने इस मैसेज को फॉरवर्ड करने वालों पर नजर रखनी शुरू कर दी है ताकि मुख्यमंत्री की स्कीम के नाम पर युवा ठगी का शिकार न हो सकें।

अब कोई रजिस्ट्रेशन नहीं

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव के वक्त इसकी घोषणा की तो उस वक्त रजिस्ट्रेशन कराई गई थी। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस तरह की कोई रजिस्ट्रेशन नहीं कराई गई। अब भी कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हो रही है। चूंकि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने स्कूली विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन वितरण का काम शुरू किया है तो इसे देख ठग भी सक्रिय हो गए हैं और फर्जी लिंक के जरिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगी की कोशिश की जा रही है।


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