सावधान रहें! फ्लिपकार्ट जैसी डुप्लीकेट वेबसाइट बना लोगों को ठग रहे साइबर अपराधी
फर्जी वेबसाइट पर सिर्फ गूगल पे फोन पे और पेटीएम से तत्काल भुगतान की सुविधा ही थी जबकि फ्लिप्कार्ट में कैश ऑन डिलीवरी व ईएमआई की भी सुविधा रहती है।
जालंधर [आशीष तिवारी]। आजकल ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इन ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस के पास अलग से साइबर क्राइम सेल है, फिर भी ऑनलाइन ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे। कारण, आजकल के ठग काफी शातिर हो गए हैं और उन्होंने आज की जरूरत के हिसाब से अपने आपको अपग्रेड कर लिया है। वे हर बार ठगी का नया तरीका आजमाते हैं। जब तक आप खुद जागरूक नहीं होगे और अपने लालच पर काबू करना नहीं सीखेंगे तब तक आप ठगी के शिकार होते रहेंगे।
स्वर्ण पार्क निवासी ममता बताती हैं कि शनिवार सुबह वह फेसबुक पर स्टोरी देख रही थीं। इसी दौरान उसमें फ्लिपकार्ट सेल का विज्ञापन दिखा। उसमे कई महांगे फोन सस्ते में बेचने की बात लिखी थी। उन्होंने उस लिंक पर क्लिक किया तो नया वेबपेज खुल गया। उस पेज के लोगो व कंटेंट देखने में तो बिल्कुल फ्लिपकार्ट की तरह थे, लेकिन थोड़े धुंधले थे। इस पर उन्हें फेक वेबसाइट होने का शक भी हुआ। उन्होंने देखा कि उसमें 16999 रुपये वाला फोन 2499, 27990 वाला फोन 2899, 23990 वाला फोन 2999 में मिल रहा था। इस पर उन्होंने 2499 वाला फोन खरीदने के लिए क्लिक कर अपना एड्रेस भरा। इसके बाद उनका शक यकीन में तब बदल गया जब पेमेंट के लिए कैश ऑन डिलिवरी की ऑप्शन ही नहीं थी। वहां पर सिर्फ गूगल पे, फोन पे और पेटीएम से तत्काल भुगतान की सुविधा ही थी, जबकि फ्लिप्कार्ट में कैश ऑन डिलीवरी व ईएमआई की भी सुविधा रहती है। इसके बाद ठगी के खतरे को भांपते हुए उन्होंने तुरंत वेबपेज बंद कर फेसबुक लॉगआउट कर दी। थोड़ी बाद दोबारा देखा तो वो विज्ञापन भी दिखना बंद हो गया।
वेबसाइट असली की तरह ही, लेकिन स्पेलिंग अलग
जांच करने पर पता चला कि इस फ्रॉड वेबसाइट के लोगो व कंटेंट तो बिल्कुल फ्लिपकार्ट से मिलते जुलते थे, लेकिन डोमेन के स्पेलिंग अलग थे। दरअसल फ्लिपकार्ट का डोमेन www.flipkart.com है, जबकि इस फ्रॉड वेबसाइट का डोमेन www.flipkartpro.com था। ऐसा इसलिए रखा गया ताकि लोग फ्लिपकार्ट नाम देखकर यकीन कर लें और चंगुल में फंस जाएं।
कुछ दिन पहले वाहनों के चालान के नाम पर हुई थी फ्रॉड की कोशिश
कुछ दिनों पहले भी इसी तरह वाहनों के चालान के नाम पर ठगी की कोशिश हुई थी। उसमें लोगों के नंबर पर मैसेज भेजे गए थे कि आपकी गाड़ी का चालान हो गया है। कृपया अपना चालान ऑनलाइन भुगतान करें। इसके लिए वेबसाइट के लिंक भी दिया। ये वेबसाइट जांच में फ्रॉड निकली। ऐसे ही पता नही कितने तरीके ठगों की ओर से अपनाये जा रहे हैं।
जागरण सलाह
ऑनलाइन शॉपिंग या भुगतान के लिए हमेशा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। किसी एप इत्यादि पर सस्ते समान का विज्ञापन देखकर आर्डर मत बुक करें। पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर पूरी जांच कर लें। सतर्क रहें।
ये सावधानियां बरतें:
- कभी फोन पर किसी को बैंक डिटेल न दें।
- बैंक के कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते, इसे कभी शेयर न करें।
- गैर विश्वसनीय साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें।
- किसी से अपना बैंकिंग या डेबिट पासवर्ड और पिन या अकाउंट नंबर शेयर न करें।
- किसी से ओटीपी शेयर न करें।
- डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर रहे हों तो अपने फोन नेटवर्क से दी गई जानकारी का इस्तेमाल करें, न कि पब्लिक वाई-फाई से आई जानकारी का।
- लेनदेन की रसीद जरूर लें।
- ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट चेक करे।