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कोरोना पॉजिटिव आने के बाद घर में क्वारंटाइन होना है या अस्पताल में एडमिट, मरीज करेगा तय

मरीज की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने के लिए टीमें नियमित तौर उनके घर का दौरा करेंगी। अगर मरीज की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट नजर आती है तो उसे सरकारी आइसोलेशन में इलाज कराना होगा।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 04:29 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 04:29 PM (IST)
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद घर में क्वारंटाइन होना है या अस्पताल में एडमिट, मरीज करेगा तय
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद घर में क्वारंटाइन होना है या अस्पताल में एडमिट, मरीज करेगा तय

जालंधर, जेएनएन। जिले में कोरोना वायरस के इलाज को और सुचारू बनाने के लिए जिला प्रशासन जालंधर की तरफ से टेस्ट के लिए आने और तुरंत घर में एकांतवास होने की सुविधा की शुरुआत की गई है।

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डिप्टी कमिशनर जालंधर घनश्याम थोरी ने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह के योग्य नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से टेस्ट के लिए आने और कोरोना के संदिग्ध मरीजों को सीधे घर में एकांतवास होने की सुविधा उपलब्ध करवाने का फैसला लिया गया है। उन्होनें बताया कि अब जिले में किसी भी फ्लू कार्नर पर संदिग्ध मरीज टेस्ट के लिए आ सकता है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध मरीज को स्वघोषणा देनी होगी कि उसके पास घर में एकांतवास रहने के लिए अपेक्षित सुविधा मौजूद है और उसे कोई अन्य बीमारी नहीं है।    

स्वास्थय गिरा तो अस्पताल में होना पड़ेगा दाखिल

यदि शकी मरीज पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे सैंपल देते समय दी गई स्वघोषणा अनुसार स्वंय को घर में एकांतवास होना पड़ेगा और उसे अस्पताल जाने की जरूरत नहीं। उन्होनें कहा कि स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने वाली टीमों की तरफ से नियमत तौर पर घर में एकांतवास हुए मरीज़ों की तरफ से दी गई सहमति अनुसार जांच के लिए दौरा किया जाता रहेगा। उन्होनें कहा कि यदि टीम को मरीज की स्वास्थ्य स्थिति में कुछ गिरावट नज़र आती है तो मरीज़ को सरकारी आइसोलेशन सुविधा में इलाज के लिए दाख़िल होना पड़ेगा।

डिप्टी कमिशनर ने कहा कि कोरोना प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने व्यक्ति जिले के किसी भी फ्लू कार्नर में टैस्ट के लिए आ सकता है। उन्होनें कहा कि टेस्ट के लिए आने वाले हर मरीज़ को घर में एकांतवास होने की सुविधा लेने के लिए स्वघोषणा लिखित तौर पर देनी होगी। जिले में 22 फ्लू कार्नर बनाए गए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्रों में आठ और ग्रामीण क्षेत्रों में 14 फ्लू कार्नर शामिल हैं। उन्होनें कहा कि शकी मरीज़ कोरोना टेस्ट के लिए किसी भी फ्लू कार्नर में जा सकता है।


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