नई खोजः बीज होगा गायब, तरबूज रहेगा सलामत; एनआइटी के प्रोफेसर ने बनाया ऐसा उपकरण
इलेक्ट्रो मैकेनिकल तकनीक से तैयार उपकरण को बिजली व बैटरी के अलावा हाथ से भी चलाया जा सकेगा। इसकी लागत भी 500 से 2000 हजार रुपये तक आएगी।
जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। तरबूज के बीज उसको खाने का मजा किरकिरा कर देते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुलदीप सिंह नागला ने तरबूज से बीज निकालने वाले उपकरण का निर्माण (अविष्कार) किया है। डॉ. कुलदीप इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष भी हैं। उनका यह उपकरण बीज निकालते समय तरबूज के गूदा भी बिखरने नहीं देगा। इलेक्ट्रो मैकेनिकल तकनीक से तैयार उपकरण को बिजली व बैटरी के अलावा हाथ से भी चलाया जा सकेगा। इसकी लागत भी 500 से 2,000 हजार रुपये तक आएगी। एनआइटी ने इस नए अविष्कार को पेटेंट कराने की कवायद शुरू कर दी है।
तरबूज का सबसे बड़ा बाजार चीन में
मूल रूप से साउथ अफ्रीका में पैदा होने वाले इस फल की सबसे ज्यादा पैदावार चीन में हो रही है। चीन में 79.2 मिलियन टन, तुर्की में 3.9 मिलियन टन, ईरान में 2.8, ब्राजील में 2.09 तथा उज्बेकिस्तान में 1.9 मिलियन टन तरबूज का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है।
बीज से ऐसे ले सकते हैं कई स्वास्थ्य लाभ
उपकरण से निकाले बीज का चूरा बनाकर या विभिन्न प्रकार की विधियों से प्रयोग कर औषधीय लाभ ले सकते हैं। बीज में मौजूद मैग्नीशियम दिल की बीमारी, बालों के झडऩे से रोकने, लंबे करने तथा चमक पैदा करने में सहायक है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा संबंधी रोगों और मुहांसों में भी लाभकारी है। डायबिटीज के रोगियों के लिए बीज लाभकारी है।
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