NIT जालंधर को बनाया गया 800 बेड का कोविड केयर सेंटर, मैनेजमेंट कमेटी देखेगी इंतजाम
शहर में काेराेना के बढ़ते मरीजाें काे देखते हुए प्रशासन ने इंतजाम करना शुरू कर दिया है। इस संबंध में एनअाइटी काे काेविड केयर सेंटर बनाने का फैसला लिया गया है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना मरीजों की बढ़ती गिनती को देखते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) को जिला मजिस्ट्रेट घनश्याम थोरी ने 800 बेड का कोविड केयर सेंटर बना दिया है। कोविड केयर सेंटर के लिए एनआइटी का ब्लॉक ए व एफ इस्तेमाल किया जाएगा। कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों की एंट्री-एग्जिट यानि आने-जाने के लिए गेट नंबर एक रिजर्व रहेगा।
वहीं, स्टूडेंट्स व एनआइटी स्टाफ के आने-जाने के लिए गेट नंबर दो का इस्तेमाल होगा। कोरोना मरीजों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए यहां कोविड केयर मैनेजमेंट कमेटी गठित कर दी गई है। इसका प्रेसिडेंट जेडीए की एस्टेट अफसर नवनीत बल को बनाया गया है।
जिला सेहत अफसर डॉ. सुरिंदर सिंह इसके मेंबर सेक्रेटरी होंगे। इसके अलावा करतारपुर के डीएसपी सुरिंदर पाल सिंह, एनआईटी के रजिस्ट्रार एसके मिश्रा, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ इलेक्ट्रिकल जतिंदर अरूण, पावरकॉम के सहायक एक्सईएन राम लाल, जालंधर वेस्ट बीडीपीओ दफ्तर के जेई अश्विनी गेरा, करतारपुर के एएफएसओ जगमोहन सिंह, ईटीओ पवन व पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के कंस्ट्रक्शन डिवीजन टू के एसडीओ सोमनाथ वर्मा बतौर मेंबर शामिल होंगे।
कमेटी को यह करने होंगे काम
एनआइटी कोविड केयर सेंटर की मैनजमेंट कमेटी को सेहत विभाग व पंजाब सरकार की तरफ से समय-समय पर कोरोना के लिहाज से जारी निर्देशों को यहां लागू करना होगा। इसमें फेक्लटी के लिए अलग समेत पर्याप्त संख्या में वाशरूम, मेडिकल व मैनपावर सपोर्ट, फर्नीचर, बैड, मरीजों की रजिस्ट्रेशन की सुविधा, फॉर्मेसी, दवाओं की उपलब्धता, सफाई, ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई व कम से कम सात दिन का बैकअप स्टॉक, पका खाना व पानी, निर्विघ्न बिजली-पानी की सप्लाई, सुरक्षा व्यवस्था, चौबीसों घंटे चलने वाला फोन आदि शामिल हैं। जिला मजिस्ट्रेट घनश्याम थोरी ने कमेटी को किसी भी तरह के जरूरी उपकरण खरीदने के अधिकार दे दिए हैं। कमेटी यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोविड केयर सेंटर को पूरी तरह से आम लोगों से अलग रखा जाए।
तीन महीने के लिए बनाया
जिला मजिस्ट्रेट घनश्याम थोरी ने कहा कि तीन महीने के लिए एनआइटी को कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है। अगर कोरोना वायरस की महामारी जारी रहती है तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लोगों की जिंदगी बचाने व बेहतर इलाज व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला लिया गया है।