जालंधर में फुटओवर ब्रिज बनाना भूला NHAI, कहीं केवल बेस बनाया तो कहीं सामान रखकर छोड़ा
जालंधर में एनएचएआइ फुटओवर ब्रिज बनाने को लेकर भारी उदासीन नजर आ रही है। भगत सिंह कॉलोनी के समक्ष फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए बकायदा तौर पर कंक्रीट के बेस अरसा पहले तैयार किए जा चुके हैं। बावजूद इसके वहां पर फुट ओवरब्रिज नहीं बनाया जा सका है।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। नेशनल हाईवे के आरपार बसे लोगों की मुश्किलों को नजरअंदाज करते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) फुटओवर ब्रिज बनाने को लेकर भारी उदासीन नजर आ रही है। आलम यह है कि जालंधर में से गुजरते हुए जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे के ऊपर कहीं फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए बेस बना कर छोड़ दिए गए हैं तो कहीं फुटओवर ब्रिज बनाने का सामान उतार कर ही उसे भुलाया जा चुका है।
भगत सिंह कॉलोनी के समक्ष फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए बकायदा तौर पर कंक्रीट के बेस अरसा पहले तैयार किए जा चुके हैं। बावजूद इसके वहां पर फुट ओवरब्रिज नहीं बनाया जा सका है। मजबूरी में लोग नेशनल हाईवे के डिवाइडर फांदते हुए सड़क क्रॉस करते हैं और हाईवे पर तीव्र गति से जा रहे वाहनों से टकराते हैं। कई लोग अब तक काल का ग्रास बन चुके हैं और कई घायल भी हुए हैं। बावजूद इसके भगत सिंह कॉलोनी के समक्ष फुटओवर ब्रिज नहीं बनाया जा सका है।
इस इलाके में फुटओवर ब्रिज की मांग उठाने वाले पंकज मेहता ने कहा कि उन्होंने ही यहां पर लोगों की जरूरत को समझते हुए एनएचएआइ के समक्ष फुट ओवरब्रिज बनाए जाने का मसला उठाया था, जिसे एनएचएआई की तरफ से बकायदा तौर पर मान भी लिया गया था। उसी के बाद यहां पर कंक्रीट का बेस तैयार किया गया लेकिन आप फुटओवर ब्रिज नहीं बनाया जा सका है। एनएचएआई की लापरवाही का दूसर ज्वलंत उदाहरण जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन के नजदीक हाईवे किनारे फुटओवर ब्रिज बनाए जाने का पड़ा हुआ सामान भी है। अरसा पहले यहां पर फुट ओवरब्रिज बनाए जाने का सामान उतारा गया था, लेकिन अभी तक इस सामान का उपयोग कहीं नहीं किया जा सका है।
प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाली कंपनी ने भी बीते साल यह साफ कर दिया गया था कि सामान तो फुट ओवर ब्रिज बनाने का ही है, लेकिन एनएचएआई की तरफ से फुटओवर ब्रिज बनाए जाने के लिए कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।। हालांकि बीते वर्ष ही एनआईटी के समक्ष एक फुट ओवरब्रिज जरूर तैयार किया गया है। इस बारे में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) अंबाला की तरफ से संपर्क के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सके है।