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हाईवे प्रोजेक्ट में नौ बरस की देरी का असर, मैटेरियल रखवा फुटओवर ब्रिज बनाना भूले

कैंट रेलवे स्टेशन और वेरका मिल्क प्लांट के नजदीक फुट ओवर ब्रिज बनाने का ब्रिज बनाने का मैटेरियल अभी भी रखा है। ये अब गलने लगा है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 02:06 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 02:06 PM (IST)
हाईवे प्रोजेक्ट में नौ बरस की देरी का असर, मैटेरियल रखवा फुटओवर ब्रिज बनाना भूले
हाईवे प्रोजेक्ट में नौ बरस की देरी का असर, मैटेरियल रखवा फुटओवर ब्रिज बनाना भूले

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। जालंधर-पानीपत सिक्स लाइन हाईवे प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने में हुई लगभग नौ वर्ष की देरी ने अब हालात ऐसे पैदा कर दिए हैं कि काम करने वाली निजी कंपनी रोडीज और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) पेंडिंग निर्माण कार्यों को ही भूलने लगी है। हाईवे किनारे अरसा पहले मैटेरियल रखवाने के बावजूद निर्माण नहीं हो सके हैं और अब किसी को यह भी याद नहीं है कि मैटेरियल कब और किस वजह से रखवाया गया था।

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जालंधर में हाईवे के किनारे दो स्थानों पर फुटओवर ब्रिज बनाने का मैटेरियल रखवाया गया था, लेकिन फुटओवर ब्रिज कभी बन ही नहीं सके। कैंट रेलवे स्टेशन और वेरका मिल्क प्लांट के नजदीक फुट ओवर ब्रिज बनाने का ब्रिज बनाने का मैटेरियल अभी भी रखा हुआ है। हालात यह है कि सड़क किनारे पड़े रहने के चलते मेटेरियल गलना शुरू हो गया है और इस वक्त झाड़ियों से घिरा हुआ नजर आता है।

फुटओवर ब्रिज का निर्माण करने वाली एनएचएआई की तरफ से अधिकृत निजी कंपनी रोडीज के अधिकारियों के पास भी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उपरोक्त दोनों स्थानों पर मैटेरियल कब और किसने रखवाया था। कंपनी के अधिकारी अपना नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर कहते हैं कि देखने में तो मैटेरियल फुटओवर ब्रिज निर्माण का ही लग रहा है, लेकिन उन्हें किसी ने भी फुटओवर ब्रिज बनाने संबंधी कोई आदेश नहीं दिए हैं। इस बारे में जानकारी लेने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कार्यालय से बार-बार कोशिश किए जाने के बावजूद भी संपर्क संभव नहीं हो सका है।

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