Move to Jagran APP

पंजाब रोडवेज की नई सेंसर युक्त बसों को बिना ट्रेनिंग चलाना असंभव, ड्राइवर एवं वर्कशाप स्टाफ को देना होगा प्रशिक्षण

नई बसों की खासियत यह है कि इन बसों में प्रदूषण का स्तर न के बराबर ही है क्योंकि इन में यूरिया युक्त अलग से एक टैंक दिया गया है जो इंजन के स्टार्ट रहने पर धुएं में प्रदूषण के स्तर को बेहद निम्न स्तर पर ले जाता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 04:58 PM (IST)
पंजाब रोडवेज की नई सेंसर युक्त बसों को बिना ट्रेनिंग चलाना असंभव, ड्राइवर एवं वर्कशाप स्टाफ को देना होगा प्रशिक्षण
बीएस-6 मॉडल की नई बसों को बिना ट्रेनिंग चलाना पुराने ड्राइवरों के लिए असंभव है।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल की गईं बीएस-6 माडल की नई बसों को बिना ट्रेनिंग चलाना पुराने ड्राइवरों के लिए असंभव है। नई बसें सेंसर युक्त हैं। इस कारण बस को चलाने से पहले ड्राइवर और वर्कशाप स्टाफ का ट्रेंड होना बेहद जरूरी है। बस का इंजन स्टार्ट करने से लेकर बस की रफ्तार एवं भार के मुताबिक संबंधित स्विच आन करना जरूरी है। इसके बिना बस का रोड पर सही तरीके से संचालन करना एक बड़ी चुनौती है।

loksabha election banner

नई बसों की खासियत यह है कि इन बसों में प्रदूषण का स्तर न के बराबर ही है, क्योंकि इन में यूरिया युक्त अलग से एक टैंक दिया गया है, जो इंजन के स्टार्ट रहने पर निकलने वाले धुएं में प्रदूषण के स्तर को बेहद निम्न स्तर पर ले जाता है। बस का साइलेंसर भी विशेष तौर पर कवर किया गया है, जो इंजन की आवाज को पुरानी बसों की अपेक्षा में बेहद कम कर देता है। पंजाब रोडवेज अपने बेड़े में टाटा कंपनी की 587 नई बसें शामिल कर रहा है।बसों की फेब्रिकेशन राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित एक निजी कंपनी से करवाई गई है। पंजाब रोडवेज जालंधर के दोनों डिपो को 20 नई बसें प्राप्त हो गई हैं।

सभी बसों में लगा जीपीएस सिस्टम

50 सीटर इन बसों में प्रत्येक सीट के ऊपर एक हेल्प स्विच भी लगाया गया है जिसे दबाने पर सीधा पंजाब रोडवेज के नियंत्रण कक्ष में आपातकालीन संदेश प्राप्त होगा। सभी बसों में जीपीएस सिस्टम है, जो बस की लोकेशन को रफ्तार एवं अन्य जानकारी समेत तत्काल नियंत्रण रूम में बता देगा। बस के अगले दरवाजे के नजदीक चार नंबर से लेकर दस नंबर तक की सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं और दोनों दरवाजों के नजदीक स्टॉप बटन भी लगाए गए हैं, ताकि बस ड्राइवर को बस रोकने संबंधी संदेश दिया जा सके। दोनों ही दरवाजों के नजदीक अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध करवाए गए हैं।

अभी तक वर्कशाप में खड़ी हैं नई बसें

फिलहाल इन बसों को वर्कशॉप में ही खड़ा रखा गया है। सचिव, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) कार्यालय से पासिंग एवं हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर लगने के बाद ही बसों को रूट पर रवाना किया जाएगा। हालांकि इससे पहले पर्याप्त संख्या में ड्राइवर एवं वर्कशॉप स्टाफ को भी बसों को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। नई बसों को जयपुर से वर्कशॉप तक लाने वाले ड्राइवरों को भी पहले ट्रेनिंग दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.