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कृषि कानूनों की वापसी पर बोले नवजोत सिंह सिद्धू, यह केंद्र सरकार का प्रशंसनीय कदम, किसान माफ करें

कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद पंजाब में विपक्षी नेता भी केंद्र सरकार के कदम को सही ठहरा रहे हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस फैसले को प्रशंसनीय करार दिया है। कहा किसान माफ करें।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 03:22 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 03:22 PM (IST)
कृषि कानूनों की वापसी पर बोले नवजोत सिंह सिद्धू, यह केंद्र सरकार का प्रशंसनीय कदम, किसान माफ करें
गुरुद्वारा श्री हट्ट साहिब में माथा टेकने पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू। जागरण

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारा श्री हट्ट साहिब में नतमस्तक होने पहुंचे पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत किया। सिद्धू ने कहा कि अगर कोई गलती का अहसास करता है तो उसे प्रशंसनीय कहना चाहिए। बाबे के जन्म दिन पर अपनी गलती का अहसास किया तो फिर पंजाब माफ करे।

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सिद्धू ने कहा हर बात पर अगर राजनीति की जाए तो यह सही नहीं। करतारपुर कारिडोर खुला तो वह भी अच्छी बात है। अगर सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए। हमारे किसानों अगर घर लौटते हैं तो उसके लिए धन्यवाद है। विधायक नवतेज सिंह चीमा के साथ गुरुद्वारा साहिब में शीश झुकाने आए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अब एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। इस जीत का कोई भी श्रेय लेने की कोशिश न करे, क्योकि इस सारी जीत का श्रेय सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चे के सत्याग्रह को जाता है। यह हक सच की राह थी। लाख कोशिश की गई बदनाम करने की, लेकिन किसान अड़े रहे, खड़े रहे और सच पर पहरा दिया और सच्चाई की जीत हुई है।

सिद्धू ने कहा कि अगर कोई धर्म की राह पर चलता है तो फिर उसे कोई हरा नहीं सकता। बाबा नानक जी ने 17 साल में खुद खेती की। आज दुनिया का सबसे बड़ा सभ्याचार वर्क कलचर है। यह बाबा नानक की ही नजरें इनायत है कि आज पंजाब के लोगों को कितनी खुशियां मिली हैं। 650 शहादतें देने वाले संयुक्त किसान मोर्चे के अनथक प्रयासों से यह संभव हुआ है। उन्होंने बहुत बड़ी समाजिक व सोशल मूवमेंट को खड़ा किया। बाबा जी आपसी भाईचारे की बात कहते हैं।

सिद्धू ने कहा कि हमें यह भी जहन में रखना होगा कि लागतें बढ़ रही हैं और आमदनी घट रही हैं। प्रोडेक्टिविटी कम हो रही है। इस कारण यह बहुत जरूरी है कि हम किसानों को दोबारा खड़ा करने का एक रोडमैप तैयार करें। उत्पादकता का रोडमैप दें और उसी पर चलते हुए 25 साल में किसानी जो धीरे-धीरे नीचे गई है उसे फिर से अपने सिर का ताज बनाएं, क्योकि जीतकर किसान घर आएंगे तो असली चैलेंजिंग उस समय शुरु होगा। हम फिर पिछले साल जून वाली स्थिति में जाकर खड़े हो जाएंगे। इस कारण किसानी को फिर खड़ा करने के लिए आज एक बड़ा प्लान चाहिए।


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