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नवजोत सिंह सिद्धू दिन में तीन घंटे करते हैं भगवान से बातें, कैप्टन ने किया अजब दावा

नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनवाने के लिए पाकिस्तान से लाबिंग की गई थी। यह आरोप पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगाया है। उन्होंने सिद्धू को लेकर कई सनसनीखेज दावे भी किए। जैसे कि वह छह घंटे ध्यान लगाते हैं और तीन घंटे भगवान से बातें करते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 07:04 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 07:04 PM (IST)
नवजोत सिंह सिद्धू दिन में तीन घंटे करते हैं भगवान से बातें, कैप्टन ने किया अजब दावा
कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने में नवजोत सिद्धू ने अग्रणी भूमिका निभाई थी।

जेएनएन, जालंधर। पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कई रहस्योदघाटन किए। सबसे बड़ा दावा ये कि वर्ष 2017 में पंजाब में कांग्रेस की जीत के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनवाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके करीबियों ने भी लाबिंग की थी। दैनिक जागरण को दिए साक्षात्कार में कैप्टन ने सिद्धू को लेकर एक और अनोखा दावा किया है। यह कि सिद्धू के अनुसार, वह भगवान से सीधी बात करते हैं। वह भी दिन में तीन घंटे।

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कैप्टन के अनुसार वर्ष 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सिद्धू को दिल्ली के एक होटल में लंच के लिए बुलाया था। उस दौरान दोनों बंद कमरे में मिले थे। कैप्टन ने कहा कि बातचीत की शुरुआत में ही नवजोत सिद्धू ने जेब से शिवलिंग निकाला और सामने टेबल पर रख दिया। सिद्धू ने दावा किया कि वह रोजाना छह घंटे ध्यान लगाते हैं। तीन घंटे तो भगवान से सीधी बात होती है। कैप्टन ने कहा कि जब उन्होंने पूछा कि उनकी भगवान से किस तरह की बातें होती हैं तो उनका जवाब था कि जैसे फसल कैसी होगी, बारिश कितनी होगी आदि। कैप्टन ने कहा कि इसके बाद उन्होंने हाईकमान संदेश भेजा था कि यह लड़का मानसिक रूप से स्टेबल नहीं है और कांग्रेस पार्टी को बर्बाद कर देगा।

पुरानी है कैप्टन और सिद्धू की अदावत

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की अदावत पुरानी है। सितंबर, 2020 में कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने की अगुआई नवजोत सिद्धू ने ही की थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस ज्वाइन की थी। कहा जाता है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उन्हें कांग्रेस में लेकर आए थे लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह को विश्वास में नहीं लिया था। बाद में सिद्धू पंजाब कैबिनेट में स्थानीय निकाय मंत्री बने। कुछ दिन बाद ही उनकी सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से ठन गई। जुलाई, 2019 में सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया और कई महीनों तक खुद को घर तक ही सीमित कर लिया। फिर जब जुलाई, 2021 में पंजाब कांग्रेस का प्रधान बने तो कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाकर माने।


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