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निगम के चार हजार से ज्यादा मुलाजिम खुद का एक काम नहीं दिखा पाए

नगर निगम के अभियान मेरा कूड़ा मेरी जिम्मेवारी में शिक्षण संस्थाएं एनजीओ और शहर के लोग तो शामिल हो रहे हैं लेकिन अभी तक निगम के मुलाजिमों से लेकर अफसरों तक ने स्वच्छता अभियान से जुड़ा कोई काम शेयर नहीं किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 05:52 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:52 AM (IST)
निगम के चार हजार से ज्यादा मुलाजिम खुद का एक काम नहीं दिखा पाए
निगम के चार हजार से ज्यादा मुलाजिम खुद का एक काम नहीं दिखा पाए

जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर

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नगर निगम के अभियान 'मेरा कूड़ा मेरी जिम्मेवारी' में शिक्षण संस्थाएं, एनजीओ और शहर के लोग तो शामिल हो रहे हैं, लेकिन अभी तक निगम के मुलाजिमों से लेकर अफसरों तक ने स्वच्छता अभियान से जुड़ा कोई काम शेयर नहीं किया है। नगर निगम के फेसबुक पेज पर कई संस्थाओं के वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े वीडियो अपलोड हो रहे हैं। यहां तक कि आइआरएस अफसर एवं डिप्टी कमिश्नर की पत्नी गगन कुंद्रा थोरी के वेस्ट मटीरियल से बनाए प्रोडक्ट तक अपलोड किए गए हैं, लेकिन नगर निगम के किसी भी मुलाजिम या अफसर ने अब तक इस मुहिम में अपना किया काम नहीं दिखाया है।

नगर निगम में 5085 पद हैं। इस समय चार हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। एक कमिश्नर, 4 ज्वाइंट कमिश्नर, 2 सेक्रेटरी, 3 एसई, 16 सुपरिंटेंडेंट, हेल्थ अफसर, लीगल अफसर समेत करीब 100 अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन किसी ने लोगों को प्रेरित करने से जुड़ी पोस्ट अपलोड नहीं की है। स्वच्छता सर्वे के लिए सबका सहयोग जरूरी है, लेकिन सबसे ज्यादा जिम्मेवारी निगम की है। ऐसे में अगर निगम मुलाजिम और अफसर 'मेरा कूड़ा मेरी जिम्मेवारी' मुहिम पर खुद काम करेंगे तो लोगों को इसके लिए प्रेरित करना भी आसान रहेगा। नगर निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 के मद्देनजर लोगों को जागरूक करने के लिए शुरू किए गए अभियान से लोग जुड़ रहे हैं, लेकिन यह घर-घर की मुहिम नहीं बन पा रही। पांच दिन से नगर निगम के फेसबुक पेज पर एलपीयू, एपीजे, एचएमवी व केएमवी के वेस्ट मैनजमेंट से जुड़े कामों के वीडियो शेयर किए गए हैं। कुछ उद्योगपतियों के वीडियो भी शेयर हुए हैं। शहर के लोगों ने अपनी फेसबुक पर अपने किए काम बताए हैं और निगम को टैग किया है। एचएमवी में रद्दी से बना रहे नया कागज

रविवार को पेपर वेस्ट को रिसाइकिल करने के लिए काम करते हुए एचएमवी ने कॉलेज में लगाए प्लांट की जानकारी दी है। कॉलेज में सबसे ज्यादा पेपर वेस्ट निकलती है। डीन अंजना भाटिया का कहना है कि रद्दी हुए दस्तावेज भी अहमियत रखते हैं। उन्हें ऐसे ही फेंका नहीं जा सकता, इसलिए 2018 में तय किया गया था कि जरूरी दस्तावेजों को रिसाइकिल करके नया कागज बनाया जाएगा। जिन दस्तावेजों की जरूरत नहीं रह जाती है, उनके छोटे-छोटे टुकड़े करके फिर पूरे प्रोसेस के तहत कागज बनाया जाता है। इसके लिए छोटा प्लांट लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कागज को रिसाइकिल करना जरूरी है, क्योंकि कागज पेड़ों से ही बनते हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि कागज को खराब न किया जाए। पेड़ों की कटाई से बनता है 93 प्रतिशत कागज : हरचरण सिंह

नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि कागज को रिसाइकिल करने के लिए सभी को जागृत होना होगा। 93 प्रतिशत कागज पेड़ों से बनता है। एक किलो कागज बनाने के लिए 124 लीटर पानी खर्च होता है, इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि कागज को रिसाइकिल करें, ताकि पेड़ों की कटाई को रोका जा सके। कोई भी प्रिट लेने से पहले यह तय कर लें कि जिस कंटेंट का प्रिट लेना है, वह बिल्कुल ठीक है, ताकि दोबारा प्रिट की जरूरत न पड़े।


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