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टीबी मुक्त राष्ट्र : स्लम इलाकों से सामने आते हैं सबसे ज्यादा मरीज, जानिए लक्षण और बचाव

कमजोर प्रतिरोधक शक्ति वाले लोगों में जीवाणु सक्रिय होकर टीबी जांच में सामने आ जाते है। इसके अलावा एचआईवी के दो फीसदी मरीजों को टीबी सामने आते हैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 04:34 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 04:34 PM (IST)
टीबी मुक्त राष्ट्र : स्लम इलाकों से सामने आते हैं सबसे ज्यादा मरीज, जानिए लक्षण और बचाव
टीबी मुक्त राष्ट्र : स्लम इलाकों से सामने आते हैं सबसे ज्यादा मरीज, जानिए लक्षण और बचाव

जालंधर, जेएनएन। पिम्स के विद्यार्थियों ने शनिवार को सिविल अस्पताल के टीबी विभाग का दौरा किया। केंद्र सरकार का 2025 तक टीबी मुक्त राष्ट्र के निर्माण का लक्ष्य है। इस दौरान जिला टीबी अधिकारी डा. राजीव शर्मा ने बताया कि टीबी के जीवाणु हर किसी व्यक्ति के अंदर छिपे है। इसके अलावा हवा में भी होते हैा। कमजोर प्रतिरोधक शक्ति वाले लोगों में जीवाणु सक्रिय होकर टीबी जांच में सामने आ जाते है। ज्यादातर मरीज स्लम इलाकों से सामने आते है। इसके अलावा एचआईवी के दो फीसदी मरीजों को टीबी सामने आ रही है।

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उन्होंने बताया कि टीबी एक साल में दस नए मरीजों को रोगी बना रहा है। दो सप्ताह तक खांसी होने पर जांच करवानी चाहिए। यह टीबी के शुरूआती लक्षण हो सकते है। टीबी के मरीजों को ढूंढने के लिए विभाग की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा चुकी है। जिले के स्म इलाकों में टीमें स्लम इलाकों में घर घर जाकर टीबी के लक्षणों वाले मरीजों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं। उनमें टीबी की पुष्टि होने के बाद मुफ्त इलाज किया जा रहा है। इसके मौके पर सर्बजीत लाल, अरूणा, अमित कुमार व स्टाफ के अन्य सदस्यों को विद्यार्थियों को टीबी के इलाज की नीतियों से छात्रों को अवगत करवाया।

क्या है टीबी 

टीबी यानि तपेदिक एक गंभीर बीमारी है तो संक्रमण से फैलती है और यह आपके फेफड़ों को प्रभावित करती है। तपेदिक एक विशेष प्रकार के बैक्टेरिया के संक्रमण से होता है और यह बैक्टेरिया एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सांस से फैलता है। तपेदिक संक्रमणित रोगी जब खांसता या छिंकता है तो उसके नाक मुंह से निकले निकला यह बैक्टेरिया हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति में सांस द्वारा प्रवेश कर जाता है। 1945 में एचआइवी के फैलने के साथ बी ट्यूबरक्लोसिस विकसित देशों में फैलना शुरु हुआ। एचआइवी मनुष्य की प्रतिरोधक शक्ति को कमजोर कर देता है और एचआइवी पीड़ित मनुष्य का शरीर टीबी के बैक्टेरिया से लड़ने की क्षमता खो देता है। अमेरिका में स्वास्थ्य संबंधी बड़े पैमाने पर छेड़े कार्यक्रमों के चलते १९९३ में टीबी की मरोजों की संख्या एक बार फिर घटने लगी, पर यह देश अभी भी इस बीमारी को लेकर चिंतित है। टीबी पर अधिकर दवाएं बेअसर रहती हैं। जो लोग सक्रिय टीबी से पीड़ित हैं उन्हें लंबे समय तक इलाज की जरूरत होती ताकि इस बीमारी की दवा रोधक क्षमता को नष्ट किया जा सके।

लक्षण

संभावित है कि आपके शरीर में टीबी का बैक्टेरिया मौजूद हो पर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इतनी ताकतवर है कि वह इस बैक्टेरिया को सक्रिय ही नहीं होने देता और आप टीबी रोक से ग्रस्त नहीं होते। इसीलिए डॉक्टर ने टीबी को सक्रिय व निष्क्रिय दो वर्गों में बांटा हैः-

निष्क्रिय टीबी

टीबी पीड़ित की यह वह हालत है कि आप इस बीमारी के बैक्टेरिया से संक्रमणित तो, लेकिन आप बीमार नहीं है। यानि यह बीमारी आप के शरीर में मौजूद है लेकिन आप इससे प्रभावित नहीं हैं। अतः शरीर में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन यह बैक्टेरिया आपके शरीर में कभी भी सक्रिय हो सकता है।

सक्रिय टीबी

सक्रिय टीबी वह हालात है जब आप टीबी पीड़ित हैं और अब आपसे अन्य लोगों में भी फैल सकता है। यह सक्रमणित व्यक्ति में कुछ दिनों या सप्ताह या सालों में भी सक्रिय हो सकता है।

सक्रिय टीबी के लक्षण

* खांसी जो तीन या ज्यादा हफ्तों तक रहे

* खांसी के साथ खून निकलना

* छाती में दर्द, सांस लेते या खांसते हुए दर्द

* थकान

* बुखार

* ठंड लगना

* भूख कम होना

तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क

टीबी आपके किडनी, रीढ़, दिमाग व शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। लगातार खांसी, बिना कारण वजन में गिरावट, बुखार, रात को सोते पसीना आना। ये सब टीबी के लक्षण हैं। ऐसे में आप शीघ्र अपने डॉक्टर से मिलें। रोग निरोधक एवं नियंत्रक केंद्रों पर ऐसे लोगों की जांच करवाएं जिनमें निष्क्रिय टीबी होने के ज्यादा संभावना होती है।

ऐसे बरतें सावधानी 

घर पर ही रहें। काम पर न जाएं, स्कूल न जाएं, किसी के साथ कमरे में न सोएं, कमरे में हवा के आने जाने के लिए खिड़की दरवाजे खुले रखें, खांसते, छींकते समय अपना मुहं ढक के रखें, इधर-उधर न थूकें, मास्क पहनें।

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