फगवाड़ा या आदमपुर से मोहिदर सिंह केपी लड़ सकते हैं चुनाव
मोहिदर सिंह केपी अब फगवाड़ा या आदमपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।
मनोज त्रिपाठी, जालंधर
मोहिदर सिंह केपी अब फगवाड़ा या आदमपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस दोनों ही उन्हें फगवाड़ा से चुनाव लड़वाने की कवायद में लगी हुई हैं। फिलहाल वेस्ट के बाद केपी की दूसरी पसंद आदमपुर ही है। कांग्रेस केपी के लिए विशेष तौर पर बैठक करके आदमपुर या फगवाड़ा की सीटों का रिव्यू कर रही है। उम्मीद है कि कांग्रेस केपी को फिर से मनाने में सफल हो जाए और उन्हें दोनों में से किसी एक जगह से चुनाव लड़ने के लिए मना ले। भाजपा भी केपी को लेकर फगवाड़ा पर मूड बना रही है। शुक्रवार को भाजपा की तरफ से जारी उम्मीदवारों की पहली सूची में इसी वजह से फगवाड़ा पर फैसला नहीं किया गया है।
केपी जालंधर वेस्ट से तीन बार विधायक रह चुके हैं और 2009 में कांग्रेस की टिकट पर जालंधर से सांसद बनने के बाद 2012 के चुनाव में वेस्ट से केपी की पत्नी सुमन केपी को चुनावी मैदान में उतारा गया था लेकिन वे चुनाव हार गई थीं। इसके बाद 2014 में हुए चुनाव में केपी को होशियारपुर संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने भेज दिया था, वहां से केपी चुनाव हार गए। इसके बाद 2017 के चुनाव में केपी ने दोबारा वेस्ट हलके में वापसी को लेकर जोर लगाया था लेकिन कांग्रेस के युवा नेता सुशील रिकू को पार्टी ने इस सीट से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने भाजपा की झोली से यह सीट खींच कर कांग्रेस की झोली में डाल दी थी। केपी को पार्टी ने आदमपुर से चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन केपी आदमपुर से भी अकाली दल के उम्मीदवार पवन कुमार टीनू से चुनाव हार गए थे।
इस बार केपी को उम्मीद थी कि उन्हें वेस्ट हलके से टिकट दी जाएगी लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की सहमति के बाद भी केपी को वेस्ट हलके से टिकट नहीं दी गई और न ही आदमपुर से उन्हें तरजीह दी गई। आदमपुर से कांग्रेस ने बसपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले सुखविदर कोटली को टिकट दी है। इसके बाद से केपी ने बगावती रुख अपना लिया है। मौके का फायदा उठाकर भारतीय जनता पार्टी ने केपी को अपने खेमे में खड़ा करने की कोशिश की थी लेकिन मोहिदर भगत का टिकट न काटने की शर्त पर केपी ने फिलहाल अभी तक भाजपा ज्वाइन नहीं की। शुक्रवार को भाजपा ने मोहिदर भगत को वेस्ट से मैदान में उतार दिया है। इससे केपी के भाजपा में जाने की उम्मीदें भी लगभग खत्म हो गई हैं। लेकिन भाजपा की तरफ से केपी को फगवाड़ा से चुनाव लड़ाने का ऑफर दिया गया है। इसके चलते कांग्रेस भी अब दोबारा से आदमपुर व फगवाड़ा का रिव्यू करके दोनों में से किसी एक जगह पर केपी को चुनावी मैदान में उतारने का आज फैसला कर सकती है।
------------------
अगर नहीं मिली तो कैंट से आजाद लड़ेंगे केपी
केपी ने अपने समर्थकों के साथ बैठक करके यह फैसला कर लिया है कि अगर उन्हें टिकट नहीं दी जाती है तो वे कांग्रेस के उम्मीदवार परगट सिंह को हराने के लिए कैंट से चुनावी मैदान में आजाद खड़े होंगे। इसके चलते अब परगट भी इस कवायद में जुट गए हैं कि केपी को कहीं न कहीं से टिकट देकर पार्टी एडजस्ट करवा कर शांत करवा दे।
--------------
चौधरी भी केपी के पक्ष में लाबिग में जुटे
सांसद संतोख सिंह चौधरी ने भी अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खुद को सुरक्षित करने के लिए केपी के पक्ष में लाबिग करने लगे हैं। चौधरी की कोशिश है कि केपी को इसी चुनाव में पार्टी फगवाड़ा या आदमपुर से टिकट दे दे, जिससे अगले लोकसभा चुनाव में केपी की दावेदारी खत्म हो जाए।