शाम को पत्र मिला, सुबह मोगा से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की उपलब्धियों के 23 यूनीपोल गायब
कैप्टन सरकार ने अपनी सरकार की उपलब्धियां लोगों को बताने के लिए एक निजी कंपनी को प्रचार का ठेका दिया था। किराये पर लिए गए यूनीपोल का हर महीने सरकार कई करोड़ रुपये भुगतान कर रही थी। चंडीगढ़ से आदेश आने के बाद इन्हें आननफानन में उतार दिया गया है।
जागरण संवाददाता, मोगा। पंजाब भर में किराये पर यूनीपोल लेकर सरकार की उपलब्धियां बताने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सभी बोर्ड सुबह ही जिले भर से उतार दिए गए। कैप्टन सरकार ने अपनी सरकार की उपलब्धियां लोगों को बताने के लिए एक निजी कंपनी को प्रचार का ठेका दिया था। किराये पर लिए गए यूनीपोल का हर महीने सरकार कई करोड़ रुपये भुगतान कर रही थी। मोगा में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां बताने वाले 23 बोर्ड लगे थे। इन्हें उतारने का सरकार की ओर से आधिकारिक आदेश डिप्टी कमिश्नर एवं निगम कमिश्नर को सोमवार देर शाम को आया था। सुबह सभी बोर्ड जिले भर से उतार दिए गए।
गौरतलब है कि प्रदेश स्तर पर कांग्रेस में चल रही कलह का पिछले डेढ़ साल से असर शहर में भी देखने को मिला। कलह प्रदेश स्तर पर चल रही है, लेकिन पल-पल रंग अपनी निष्ठा बदलते हुए स्थानीय नेता देखे गए। जिस समय पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अध्यक्ष बने थे, तो स्थानीय नेताओं ने धड़ाधड़ उनके पक्ष में बोर्ड लगवाने शुरू कर दिए थे। सिद्धू के पक्ष में लगे बोर्ड के बाद उस समय प्रदेश सरकार के कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस नेताओं के इस कृत्य से खफा हुआ तो कुछ दिन बाद सिद्धू के पक्ष में लगे बोर्ड कम होते गए, बाद में कैप्टन एक ही हुंदा के बोर्ड में तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के पक्ष में लग गए।
अब सूबे में निजाम बदला तो इस बार नई बनी कांग्रेस सरकार की ही निष्ठा बदल गई। सोमवार देर शाम को डिप्टी कमिश्नर व निगम कमिश्नर सहित जिले की सभी निकायों को सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कैप्टन सरकार के समय में लगाए गए सरकार की उपलब्धियों वाले बोर्ड उतारने के आदेश जारी कर दिए गए। सोमवार देर शाम को मिले इन आदेशों पर अमल करने के लिए संबंधिक ठेकेदार को रात में ही सूचित कर दिया गया। शहर में लोग सुबह निकले तो कैप्टन सरकार की उपलब्धियों वाले बोर्ड अचानक पूरे जिले से गायब हो गए। मोगा नगर निगम क्षेत्र में 23 यूनीपोल पर पंजाब के लोगों को रोजगार देने, पेंशन की राशि बढ़ाने, किसानों को कर्जा माफ करने आदि उपलब्धियों का बखान किया गया था। सरकार की उपलब्धियां बताने वाले इन यूनीपोल का अकेले मोगा में ही सरकार एक लाख रुपये प्रति महीने के लगभग किराया अदा कर रही थी।