कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को लेकर चर्चा में अाए कैंट हलके के विधायक परगट सिंह, जानें क्या है पूरा मामला
हालांकि परगट दोबारा सक्रिय हो गए हैं। अब हालात ये हैं कि परगट खुद तो फील्ड में हैं लेकिन कमिश्नर समेत कई लोगों को डराकर घर में ही बंद कर दिया है।
जालंधर, [जगजीत सिंह सुशांत]। कैंट हलके के विधायक परगट सिंह अक्सर किसी न किसी कारण से चर्चा में बने रहते हैं। इस बार वे कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, परगट ने विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए रैपिड टेस्ट करवाया था, जिसमें वे संक्रमित पाए गए थे। टेस्ट करवाने से एक दिन पहले ही उन्होंने नगर निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के साथ मीटिंग की थी।
ऐसे में परगट तो क्वारंटाइन हुए ही, कमिश्नर को भी अपनी वर्किंग सीमित करनी पड़ी। इसके साथ ही कई नेता भी क्वारंटाइन हो गए और कइयों ने टेस्ट भी करवा लिए। हालांकि इसके दो दिन बाद ही परगट ने दोबारा टेस्ट करवाया और इस बार उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। फिर क्या था, परगट दोबारा सक्रिय हो गए। अब हालात ये हैं कि परगट खुद तो फील्ड में हैं, लेकिन कमिश्नर समेत कई लोगों को डराकर घर में ही बंद कर दिया है।
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अब शुरू हुआ उद्घाटनों का दौर
विकास कार्यों को लेकर जनता के निशाने पर आई कांग्रेस सरकार ने अब शहर में उद्घाटनों का दौर शुरू कर दिया है। पिछले एक सप्ताह के दौरान जालंधर सेंट्रल, नॉर्थ और वेस्ट हलके में कई विकास कार्यों का उद्घाटन किया गया। इनमें सबसे ज्यादा काम सड़क निर्माण से संबंधित हैं। दरअसल, करीब एक साल से सड़क निर्माण बुरी तरह प्रभावित है।
पहले सर्दी, फिर लॉकडाउन और अब बरसात के कारण काम नहीं हो पाया। ऐसे में अब सितंबर से दिसंबर तक सड़कों के निर्माण के लिए सभी विधायक जोर आजमाइश कर रहे हैं। उनका जोर इसी बात पर है आखिरी साल में करवाए गए काम जनता की नाराजगी दूर कर देंगे। वे जानते हैं कि अगर अब ग्राफ न सुधरा तो उनके लिए विधानसभा चुनाव तक जनता में वापसी कर पाना मुश्किल होगा। उनकी कोशिश यही है कि तेजी से विकास कार्य करवाकर तीन साल की भरपाई कर सकें।
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राजनीति का केंद्र बन रहा कूड़ा
शहर की राजनीति कूड़े के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। जहरीली शराब, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला समेत कई बड़े मुद्दे राज्य की राजनीति को गर्म किए हैं, लेकिन बात शहर की राजनीति की हो तो कूड़ा ही मुद्दा बनता है। जालंधर वेस्ट, सेंट्रल और नॉर्थ में यह हमेशा से ही फोकस पर रहा है, लेकिन अब कैंट हलका भी इसमें शामिल हो गया है। दरअसल, विधायक परगट सिंह के खिलाफ अकाली दल को कूड़े के डंपों का बड़ा मुद्दा मिल गया है।
यह हर घर से जुड़ा मुद्दा है, इसलिए अकाली इस मौके को पूरी तरह लपक रहे हैं। हालांकि जनता भी समझ गई है कि राजनेताओं को लड़वाकर ही दबाव बनाया जा सकता है। ऐसे में जनता पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ के पास चली गई है। इसके बाद से परगट भी गंभीर हो गए हैं। आसार हैं कि कैंट की राजनीति में भी ये मुद्दा अहम बनेगा।
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पहले अपने मोर्चे को करेंगे तगड़ा
पंजाब सरकार के खिलाफ जहरीली शराब, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले समेत कई अन्य स्थानीय मुद्दों को लेकर मोर्चा खोलने से पहले जिला भाजपा अपने मोर्चे को तगड़े करेगी। सितंबर के आखिर में राजनीतिक कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने की छूट मिलनी तय हो गई है। इसी के साथ ही जिला भाजपा जनता में जाने से पहले अपने सभी विंगों महिला मोर्चा, एससी मोर्चा, बीसी मोर्चा, युवा मोर्चा को मजबूत करने की रणनीति पर लग गई है। इनकी टीमों का 15 दिनों में गठन करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा अन्य सेल भी जल्द ही गठित करने की योजना है। अभी तक भाजपा सिर्फ चार-पांच कार्यकर्ताओं के साथ ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती नजर आ रही है, लेकिन इस अनुशासन से मुद्दा उठाने में भाजपा को कोई खास राजनीतिक लाभ नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि भाजपा अब जल्द आक्रामक रुख अपनाएगी।