अव्यवस्था का शिकार हुआ ओएसटी सेंटर
सिविल अस्पताल में ओएसटी प्रशासन की अनदेखी से अव्यवस्था का शिकार हो चुकी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सिविल अस्पताल में नशा छोड़ने के लिए रोजाना दवाई खाने वालों के लिए बनाया ओपिएट सब्टीट्यूट थेरेपी (ओएसटी ) प्रशासन की अनदेखी से अव्यवस्था का शिकार हो चुकी है। वहां से दवा लेने व देने वाले दोनों ही अव्यवस्था की वजह से तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। सेंटर का फंड बैंक में पड़ा होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन व्यवस्था में सुधार लाने में कन्नी कतरा रहा है।
सिविल अस्पताल के ओएसटी सेंटर में करीब 1300 के करीब नशा छोड़ने लोग दवा लेने के लिए पंजीकृत है। इनमें 550 लोग रोजाना दवा लेने आ रहे हैं। ओएसटी सेंटर में विभाग ने पुलिस मुलाजिम की तैनाती की थी, जो पिछले कई दिनों से नदारद है। ओएसटी सेंटर का स्टाफ दवा लेने वालों की धमकियों से सिसका बैठा है। स्टाफ का आरोप है कि दवा खाने आने वाले लोग उनसे झगड़ा करते हैं और धमकियां भी देते हैं। अस्पताल प्रशासन ओएसटी सेंटर में किसी बड़े हंगामे का इंतजार कर रहा है। कुछ माह पहले दवा खाने वाले एक युवक ने सेंटर में तैनात एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी दी थी। बावजूद अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है। सेंटर में महिला स्टाफ के बने शौचायल की हालत भी दयनीय है। स्टाफ को मजबूरन दूसरे विभागों का शौचालय इस्तेमाल करना पड़ रहा है। वहीं डॉक्टर के बैठने की कुर्सी टूटी पड़ी और पंखा काफी दिनों से खराब पड़ा है। दवा खाने वालों के आरोप हैं कि उन्हें दवा के अलावा कोई भी मुलाजिम नशा छोड़ने राह दिखाने की जहमत नही उठाते है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को समय में बदलाव के बावजूद भी दवा सुबह आठ बजे से ही मुहैया करवाने की बात रखी है।
उन्होंने सुविधा न मिलने पर सिविल सर्जन को शिकायत करने की चेतावनी भी दी है। सिविल अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. चन्नजीव सिंह का कहना है कि वह ओएसटी सेंटर की रिपोर्ट मंगवाएंगे। उसके आधार पर सुधार के लिए योजना बना कर समस्याओं का समाधान करवाया जाएगा।