जालंधर में मांगों को लेकर मिड-डे-मील वर्करों ने डीसी आफिस के बाहर किया प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
जालंधर में लंबित पड़ी मांगों को लेकर मिड-डे-मील वर्कर यूनियन के सदस्यों ने डीसी ऑफिस के बाहर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वर्करों को 3500 रुपए महीना जल्द से जल्द किया जाए।
जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर में लंबित पड़ी मांगों को लेकर मिड-डे-मील वर्कर यूनियन के सदस्यों ने डीसी ऑफिस के बाहर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और मुर्दाबाद के नारे लगाए। यूनियन महासचिव कमलजीत कौर ने कहा है कि वर्करों को 15-16 वर्ष तक स्थाई नहीं किया गया है। सरकार वर्कर को 2200 रुपए 10 महीनों का दिया जा रहा है। वर्कर के घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने राशि बढ़ाने की बात की थी लेकिन मामले को गंभीर नहीं लिया।
हरियाणा की बात करें तो वहां पर वर्करों को 3500 रुपए और केरल में 6500 रुपए मिल रहे हैं। इन वर्करों को 10 महीने की बजाय 12 महीने का वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वर्करों को 3500 रुपए महीना जल्द से जल्द किया जाए। महासचिव ने कहा है कि देश में महंगाई बढ़ रही है लेकिन वेतन को नहीं बढ़ाया जा रहा है। खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ रही हैं घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है सरकार को चाहिए वर्करों की समस्या का हल जल्द से जल्द हल करें सरकार ने मांगों को नजरअंदाज किया तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले शिक्षा मंत्री विजेयंद्र सिंगला ने वर्करों को आश्वासन दिया था कि उनका 3000 हजार रुपए महीना कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक उन्हें 2200 रुपए महीना ही मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई में उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है। चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों का जल्द हल नहीं हुआ तो वह शिक्षा मंत्री की कोठी का घेराव करेंगे।
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