भारी विरोध के चलते विधायक ने रुकवाया एफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट का काम
फोकल प्वाइंट एफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण सोमवार तक रोक दिया गया है। बुधवार को फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन और तीन पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल ने नार्थ हलके के विधायक बावा हैनरी से मुलाकात कर प्लांट लगाने का विरोध किया। इसके बाद विधायक के निर्देश पर प्लांट का काम सोमवार तक रोक दिया गया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर :
फोकल प्वाइंट एफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण सोमवार तक रोक दिया गया है। बुधवार को फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन और तीन पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल ने नार्थ हलके के विधायक बावा हैनरी से मुलाकात कर प्लांट लगाने का विरोध किया। इसके बाद विधायक के निर्देश पर प्लांट का काम सोमवार तक रोक दिया गया है।
फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के प्रधान न¨रदर ¨सह सग्गू के नेतृत्व में गदईपुर, रंधावा मसंदा और बुलंदपुर की पंचायतों ने विधायक बावा हैनरी से मिल कर एफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट से कई तरह का खतरा होने की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि केमिकलयुक्त पानी से इलाके में कैंसर समेत कई जानलेवा बीमारियों का खतरा है। प्लांट जरूरी है लेकिन यह शहर से 5 से 10 किलोमीटर दूर होना चाहिए। बावा हैनरी ने पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अफसरों को मी¨टग में बुला लिया और इंडस्ट्री और ग्रामीणों के एतराज के बाद निर्देश दिया कि सोमवार तक काम बंद रखा जाए।
बावा ने कहा कि इंडस्ट्री और गांवों के लोग लुधियाना में चल रहे ऐसे ही प्लांट विजिट करेंगे और उसी के बाद फैसला लिया जाएगा। बावा हैनरी ने कहा कि अगर एक भी व्यक्ति को इस पर एतराज होगा तो प्लांट का काम नहीं होगा। न¨रदर ¨सह सग्गू, राजीव गुप्ता, जस¨वदर ¨सह, जगदीश कुमार, नवनीत कुमार, अमित गुप्ता, अशोक वालिया, मनजीत ¨सह सेंहबी ने कहा कि प्लांट के लिए शहर से दूर जगह देखी जाए। इंडस्ट्री और ग्रामीणों के एतराज
- फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन को ऐतराज है कि जिस जगह पर प्लांट लगाया जा रहा है, उसके चारों तरफ इंडस्ट्री है और सबसे नजदीक का गांव गदईपुर सिर्फ 50 मीटर दूर है। ऐसा प्लांट आबादी से दूर खुले में लगना चाहिए।
-प्लांट दोआबा एरिया के लिए लगाया जा रहा है। यहां कपूरथला, करतारपुर समेत कई इलाकों से केमिकल मिक्स पानी आएगा। फोकल प्वाइंट में ट्रैफिक बढ़ेगा।
- फोकल प्वाइंट में रोड नेटवर्क को बढ़ा नहीं किया जा सकता। सीवरेज की प्रॉब्लम है, स्ट्रीट लाइट खराब है। ऐसे में रोजाना कई टन केमिकलयुक्त पानी टैंकरों से प्लांट तक आएगा जो प्रॉब्लम का कारण बनेगा।
- प्लांट को चलाने के लिए रोजाना 6 मीट्रिक टन कोयला और अन्य तरह का फ्यूल लगेगा। इससे एयर पॉल्यूशन बढ़ेगा। फोकल प्वाइंट में पहले ही वातावरण खराब है क्योंकि ग्रीन बेल्ट कम है।