बस स्टैंडों के घाटे का आकलन करने को डिप्टी डायरेक्टर ने ली बैठक
लॉकडाउन के दौरान पंजाब रोडवेज भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : करोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए कर्फ्यू एवं लॉकडाउन के दौरान पंजाब रोडवेज भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है। बस संचालन शुरू होने के बावजूद यात्री नहीं मिल रहे हैं और ठेके पर दिए गए बस स्टैंड से पर्याप्त एवं निर्धारित पैसा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान बस स्टैंड पर हुए घाटे का आकलन करने को वीरवार को पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरेक्टर परनीत सिंह मिन्हास ने पांच जिलों के जनरल मैनेजर, मैनेजरों एवं बस स्टैंड ठेकेदारों से बैठक की।
जालंधर बस स्टैंड पर हुई बैठक के दौरान लॉकडाउन से पहले की कमाई एवं खर्च तथा लॉकडाउन के दौरान हुई कमाई एवं खर्च का सारा ब्यौरा देने के लिए ठेकेदारों से कहा गया। बैठक के दौरान पंजाब रोडवेज जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, मोगा एवं होशियारपुर के जनरल मैनेजर एवं ठेकेदार मौजूद थे। ठेकेदारों को सोमवार तक पूरा ब्यौरा तैयार करने को कहा गया है। ठेकेदारों ने मई के दौरान पंजाब रोडवेज को किस्त का भुगतान तो किया गया था, लेकिन उसमें से लॉकडाउन की अवधि का पैसा काट लिया था। ठेकेदारों का तर्क है कि बसों का संचालन बंद रहने से अड्डा फीस का नुकसान तो हुआ ही है, साथ ही कोई दुकान भी नहीं खुली है और पार्किंग एरिया भी सुनसान पड़े रहे हैं। राज्य में बसों का संचालन शुरू होने के बावजूद भी बस स्टैंड पर यात्रियों का आवागमन नहीं है तथा नाममात्र बसों का संचालन ही किया जा रहा है इनमें से भी अधिकतर सरकारी बसें ही चल रही हैं।