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सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों का स्टाॅक खत्म, मरीज झेल रहे परेशानी

लोकसभा की चुनावी सरगर्मियां गति पकड़ने लगी है और सरकारी अस्पातलों में दवाइयां न मिलने से तमाम वायदे खोखले साबित होने लगे है।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 08:49 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 09:55 AM (IST)
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों का स्टाॅक खत्म, मरीज झेल रहे परेशानी
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों का स्टाॅक खत्म, मरीज झेल रहे परेशानी

जालंधर, [जगदीश कुमार]। लोकसभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां चुनावी सरगर्मियां गति पकड़ने लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में दवाइयां न मिलने से नेताओं के तमाम वादे खोखले साबित होने लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए मुफ्त दवाइयां मुहैया करवाने की घोषणा की थी। लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में सेहत विभाग दवाइयों की कमी पूरी करने में नाकाम साबित हो रहा है। अस्पताल की फार्मेसी में मरीजों को लंबे समय तक लाइन में खड़े होने के बावजूद भी निराशा झेलनी पड़ रही है।

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इन दवाओं का है टोटा

जिला स्तरीय अस्पताल ही नहीं, बल्कि जिले के अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भी दवाइयों का टोटा चल रहा है। अस्पताल की फार्मेसी में दर्द निवारक और बुखार की दवा का स्टाक तक नहीं है। वहीं गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान अहम भूमिका अदा करने वाले ऑक्सीटोसिस टीके भी खत्म हो चुके हैं। इसके अलावा कफ सिरप, सांस की दवाइयां, पेट गैस, पैरासीटामोल, जैलोकीन, आई ड्राप, बच्चों के लिए एंटी बायोटिक्स तथा एंटी बायोटिक्स टीके सहित कई अन्य महत्वपूर्ण दवाइयां मरीजों को नसीब नही हो रही है।

दिहाड़ी भी खराब हुई और फायदा भी नहीं हुआ : दया राम

अस्पताल में परिवार सहित दवा लेने आए बशीरपुरा के रहने वाले दया राम का कहना है कि पत्नी शोभा व बच्चे रवि शंकर व राशी का इलाज करवाने के लिए सिविल अस्पताल में गए थे। निजी अस्पताल में महंगे इलाज से बचने के लिए सिविल अस्पताल गए परंतु वहां से भी मुफ्त दवाइयां न मिलने की वजह से निराशा हाथ लगी। ईलाज के लिए दवाइयां बाजार से खरीदनी पड़ीं। अस्पताल में ईलाज के लिए आधी से ज्यादा दिहाड़ी भी खराब की और फायदा भी नहीं हुआ।  

जल्द होगी समस्या दूर : डॉ. बावा

सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जसमीत कौर बावा ने माना की अस्पताल में दवाइयों की कमी चल रही है। कुछ दवाइयां लोकल परचेज की जा रही हैं। सेहत विभाग के डिपो में दवाइयों की डिमांड भेजी है और उन्होंने सोमवार को दवाइयों के मामले में बुलाया है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा का कहना है कि सेहत विभाग के डिपो में भी दवाइयों की कमी चल रही है। दवाइयों के मामले में सेहत विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष समस्या रखी गई है और जल्द ही समाधान किया जाएगा।

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