Corona virus केवल फेफड़ों को ही नहीं, Heart को भी कर सकता है प्रभावित
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नितीश गर्ग ने बताया कि कोरोना काल में हृदय रोगियों को विशेष सावाधानी बरतने की जरूरत है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19), सार्स-कोविड-2 वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह नाममात्र के रोगसूचक लक्षण दिखाई देने से लेकर गंभीर बीमारी तक का कारण बन सकता है। फेफड़ों का क्षतिग्रस्त हो जाना और एक्यूट डिस्ट्रेस सिंड्रोम, इस बीमारी के खतरनाक लक्षण हैं। हाल ही में पता चला है कि यह हृदय को भी क्षति पहुंचा सकता है।
कार्डिनोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के मुख्य कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नितीश गर्ग ने बताया कि इंफ्लुएंजा वायरस के कारण होने वाला संक्रमण हृदय रोगियों के लिए गंभीर खतरा होता है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय संबंधित बीमारी है, उन्हें कार्डियोवॉस्क्युलर और श्वसन तंत्र संबंधी चुनौतियों का खतरा अधिक होता है। कोरोना वायरस हृदय की मांसपेशियों या हृदय के भीतर की कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिसके कारण अत्यधिक गंभीर सूजन हो जाती है। बुखार और सूजन के कारण हृदय की धड़कन और तेज हो जाती हैं। फेफड़ों के कमजोर पड़ने पर हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी हो सकती है और हृदय रक्त पंप करने के लिए संघर्ष कर सकता है। वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है।
दवाइयां लेना बंद न करें रोगी
डॉ. गर्ग ने कहा कि महामारी के इस दौर में यह समझना महत्वपूर्ण है कि जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है, उन्हें अपना उपचार जारी रखना चाहिए। जो मरीज दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें अपनी दवा बंद नहीं करना चाहिए। जिन मरीजों में पेसमेकर व कार्डियक डिवाइस प्रत्यारोपित किया हुआ है उन्हें नियमित रूप से फॉलो-अप जरूर लेते रहना चाहिए। इन दिनों पेसमेकर को दूर से भी मॉनिटर किया जा सकता है और मरीजों को अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होती है। रिमोट मॉनिटरिंग में प्रत्यारोपित कार्डिक उपकरणों वाले मरीजों को रिमोट मॉनिटर का उपयोग करके अपने डॉक्टर से संवाद करने की सुविधा होती है। रोगी अपने स्मार्ट फोन का उपयोग करके हाथ में पकड़े जाने वाले रीडर की सहायता से डेटा संचारित कर सकते हैं।
हृदय रोगी बरते विशेष सावधानी
डॉ. गर्ग ने कहा कि हृदय रोगों से ग्रस्त कोविड-19 के मरीजों को अपने लक्षणों के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए और उन्हें सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द के किसी लक्षण के लिए तुरंत डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
कोरोना काल ये सावधानी बरतना जरूरी
- जिन मरीजों को पहले से हृदय से संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए।
- बीमार लोगों से दूर रहें।
- दूसरे लोगों से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाए रखें।
- मॉस्क का प्रयोग करें।
- अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें, जब पानी न हो तो हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
- यदि आप में लक्षण विकसित होने लगें तो अपने आपको अलग कर लें और चिकित्सीय सहायता लें।