सिविल अस्पताल की सुरक्षा राम भरोसे
लुधियाना के कोर्ट परिसर में बम ब्लास्ट के बाद सरकारी विभागों में सुरक्षा की कलई खुल गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
लुधियाना के कोर्ट परिसर में बम ब्लास्ट के बाद सरकारी विभागों में सुरक्षा की कलई खुलने लगी है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। 550 बेड की क्षमता वाले सिविल अस्पताल में भले ही 16 निजी सुरक्षा कर्मी व एक पुलिस चौकी है, बावजूद सुरक्षा व्यवस्था में कई छेद है।
अस्पताल में मेटल डिटेक्टर नहीं लगा है। सिविल अस्पताल की नई इमारत में एक दर्जन के करीब कैमरे लगे हैं, लेकिन इनमें केवल सात कैमरे ही चल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से डीवीआर भी खराब पड़ा है। रोजाना हजारों की तादाद में लोग सिविल अस्पताल में आते हैं। प्रवेश द्वार पर इनमें से किसी की भी जांच पड़ताल नहीं हो पाती है। वहीं अस्पताल में सरकारी कर्मचारियों, मरीजों व उनके स्वजनों के वाहन कम और मार्केट में खरीदारी करने वालों के वाहन ज्यादा खड़े रहते हैं। इस दौरान शरारती तत्व वारदात कर सकते हैं। माडल नशा छुड़ाओ केंद्र तथा नशा छुड़ाओ केंद्र में सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में हैं और वहां सुरक्षा कर्मी भी तैनात हैं। सिविल अस्पताल में एनआइसीयू में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, परंतु मेटरनिटी वार्ड और लेबर रूम का एक कैमरा टूटा और दूसरा खराब है। जच्चा-बच्चा सेंटर में प्रवेश और बाहर निकलने के रास्ते में भी सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। हालांकि सिविल अस्पताल में दोनों मुख्य दरवाजों के प्रवेश पर कैमरे लगे हैं। सिविल सर्जन आफिस में भी सुरक्षा का अभाव है, जहां कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। सिविल सर्जन आफिस की दीवार पर छोटा गेट लगा कर सिविल अस्पताल में प्रवेश करने का रास्ता बनाया गया है, जहां चेकिग नहीं होती है। अस्पताल के अंदर किसी भी मंजिल पर कैमरे नहीं लगे हैं। हालांकि ट्रोमा सेंटर में कैमरे लगे हैं। खराब कैमरों को ठीक करवाया जाएगा : एमएस
सिविल अस्पताल की एमएस डा. सीमा का कहना है कि अस्पताल में 16 निजी सुरक्षा कर्मी व एक पुलिस चौकी है। खराब पड़े कैमरों व डीवीआर को ठीक करवाने की प्रक्रिया चल रही है। पूरे अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई थी। इसके लिए डिमांड तैयार कर भी भेजी जा चुकी है। जल्द ही काम पूरा होने की संभावना है।
------ प्रशासनिक कांप्लेक्स भी नहीं है सुरक्षित
जागरण संवाददाता, जालंधर
प्रशासनिक कांप्लेक्स की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता नहीं की गई है। इसमें प्रवेश करने वाले अधिकतर द्वार असुरक्षित है। कारण यहां पर न तो मेटल डिटेक्टर लगे है और न ही प्रवेश करने वालों से पूछताछ की जाती है। खास बात यह है कि यहां पर थैला लेकर प्रवेश करने वालों की तलाशी भी नहीं ली जा रही है। इससे खतरा बढ़ जाता है। भले ही पुलिस कमिश्नर ने शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए हैं, बावजूद इसके सार्वजनिक स्थानों पर इसे गंभीरता के साथ नहीं लिया गया है। दैनिक जागरण की टीम ने देखा कि शनिवार को मास्टर तारा सिंह नगर से प्रशासनिक कांप्लेक्स में प्रवेश करने के दौरान तो किसी से पूछताछ भी नहीं की गई। हालांकि, लाडोवाली रोड से प्रशासनिक कांप्लेक्स को प्रवेश करते समय पुलिस द्वारा रजिस्टर पर एंट्री तो की जा रही है, लेकिन जांच के नाम पर न तो मेटल डिटेक्टर लगा है और न ही तलाशी ही ली गई।