National Sports Day 2021: जालंधर के मिट्ठापुर ने देश को दिए कई ओलिंपियन, इसी गांव से हैं भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत
वैसे तो पंजाब खेलों के लिए देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुका है। पंजाब के हॉकी खिलाड़ी भारतीय टीम में लगातार अपने प्रदर्शन की बदौलत जगह बनाने में कामयाब होते हैं। आइए आपको बताते हैं कि हॉकी खिलाड़ियों के कैसे तैयार किया जाता है।
जालंधर, [कमल किशोर]। National Sports Day 2021: वैसे तो पंजाब खेलों के लिए देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुका है। पंजाब के हॉकी खिलाड़ी भारतीय टीम में लगातार अपने प्रदर्शन की बदौलत जगह बनाने में कामयाब होते हैं। आइए आपको बताते हैं कि हॉकी खिलाड़ियों के कैसे तैयार किया जाता है।
जालंधर के कस्बे संसारपुर के बाद गांव मिट्ठापुर को हाकी की नर्सरी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। मिट्ठापुर ने देश को कई ओलिंपियन दिए हैं, जो इस समय देश का नाम रोशन कर रहे हैं। टोक्यो ओलिंपिक- 2020 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हाकी टीम में जालंधर के चार खिलाड़ी शामिल थे। कप्तान मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व वरुण शर्मा मिट्ठापुर के रहने वाले है, जबकि हार्दिक सिंह गांव खुसरोपुर से हैं। तीनों खिलाडिय़ों ने मिट्ठापुर के खेल मैदान में बचपन से पसीना बहाया है। इस मैदान में की गई मेहनत दम पर ही 41 साल बाद भारतीय टीम के पदक पर मुहर लगी।
टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद बढ़ा उत्साह
वहीं, दूसरी तरफ टोक्यो ओलिंपिक में शामिल खिलाड़ी सुरजीत हाकी अकादमी से निकले हैं। इनमें वरुण कुमार, शमशेर सिंह, हरमनप्रीत सिंह, सिमरनजीत सिंह, कृष्ण पाठक, मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह हाॢदक सिंह शामिल है। वर्ष 1992 में स्थापित अकादमी ने देश को बीस के करीब ओलिंपियन, 70 अंतरराष्ट्रीय व 100 राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। सुरजीत हाकी अकादमी ने 12 वर्ष की आयु में नई पौध तैयार करनी शुरू कर दी थी। टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद सुरजीत हाकी अकादमी और मिट्ठापुर के खिलाडिय़ों का उत्साह काफी बढ़ गया है। संसारपुर हाकी विंग के कोच गुरप्रीत सिंह ने कहा कि ओलिंपिक में कांस्य पदक के बाद हाकी में नया युग शुरू होगा। अकादमी में खिलाड़ियों की गिनती बढ़ना तय है।