Punjab Politics : विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ देंगे AAP के कई दिग्गज, बड़ी पार्टियां घात लगाकर बैठी
आप के दिग्गज ही चुनावी रणनीति और उम्मीदवारी को लेकर स्पष्ट नहीं है और यह बात अब पार्टी के भीतर से राज्य की अन्य प्रमुख राजनीतिक पार्टियों तक जा पहुंचने लगी है। राज्य की अन्य कई राजनीतिक पार्टियां आप के असंतोष नेताओं को ज्वाइनिंग के लिए ऑफर देने लगी हैं।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी हाईकमान की तरफ से पैदा किया गया असमंजस आम आदमी पार्टी (आप) का झंडा उठाने वालों को भारी घुटन दे रहा है। आम आदमी पार्टी के दिग्गज ही चुनावी रणनीति और उम्मीदवारी को लेकर स्पष्ट नहीं है और यह बात अब पार्टी के भीतर से राज्य की अन्य प्रमुख राजनीतिक पार्टियों तक जा पहुंचने लगी है। नतीजा यह निकला है कि राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां घुटन से घिरे इन आम आदमियों पर घात लगाकर बैठ गई हैं। राज्य की अन्य कई राजनीतिक पार्टियां आप के असंतोष नेताओं को ज्वाइनिंग के लिए ऑफर तक देने लगी हैं। हालात यह हो गए हैं कि आम आदमी पार्टी के कई असंतुष्ट इस समय अन्य राजनीतिक पार्टियों से मिल रहे ऑफर्स का आकलन करने में व्यस्त हैं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मिल रही ऑफर्स उनके बीते छह सात वर्ष के कार्य के मुताबिक दी जा रही हैं। किसी को संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान करवाना तो किसी को उम्मीदवारी का आश्वासन भी दिया जा रहा है। आप के भीतर बढ़ते हुए असंतोष की मुख्य वजह यह है कि आप हाईकमान की तरफ से राजनीति का एक पुराना फार्मूला अपनाया जा रहा है, जिसमें एक ही विधानसभा हलके में कईयों को तगड़ा होकर चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा जा रहा है। इस फार्मूले से आपके ऐसे टिकट परेशान होते हैं जिन्होंने बीते कई वर्षों से खुद को पार्टी के लिए समर्पित किया हुआ है जिसमें समय और पैसा भी दिल खोल कर खर्च किया गया है।
असंतोष की एक मुख्य वजह यह भी है कि पार्टी हाईकमान की तरफ से विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले आकर अब कई ज्वाइनिंग करवाई जा रही हैं और ज्वाइन करने वाले खुद को संभावित उम्मीदवार भी बताने लगे हैं। आप के मौजूदा अंदरुनी हालातों को देखकर यह अंदाजा बरबस ही लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई दिग्गज पार्टी को अलविदा बोल जाएंगे। हालांकि पार्टी हाईकमान एक ही हलके में कई लोगों के टिकट के चाहवान होने को पार्टी की लोकप्रियता से जोड़कर देख रही है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज किया जा रहा है कि जो लोग बरसों से पार्टी लाइन पर चल रहे हैं और पार्टी का प्रचार कर रहे हैं उन्हें खो देना पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान साबित होगा।