ISI के एजेंट चीता के कहने पर टेरर फंडिंग के लिए तस्करी करता था मनप्रीत, अमृतसर में पूछताछ में उगले राज
अमृतसर में पकड़ी गई हेरोइन के मामले में कई राज खुल रहे हैं। अमृतसर में एक घर से पकड़े गए मनप्रीत ने पूछताछ में कई राज उगले हैं। वह आइएसआइ एजेंट चीता के कहने पर टेरर फंडिंग के लिए तस्करी करता था।
जेएनएन, अमृतसर। हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नार्को टेरर केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हत्थे चढ़े मनप्रीत सिंह ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट रंजीत सिंह चीता के कई राज खोले हैं। उसने बताया कि जब रंजीत सिंह हरियाणा के सिरसा में अंडरग्राउंड था, तो वह उससे मिलता था। उसके कहने पर तस्करों से मुलाकात कर हेरोइन की कंसाइनमेंट पहुंचाने जाता था। इससे मिले पैसे का इस्तेमाल चीता टेरर फंडिंग के लिए करता था। आने वाले दिनों में NIA चीता के गिरोह से जुड़े कुछ लोगों को पकड़ सकती है।
वहीं, NIA की टीम शनिवार को मनप्रीत सिंह के बटाला (गुरदासपुर) स्थित गांव तेजा खुर्द पहुंची। टीम ने आरोपित का आपराधिक रिकार्ड भी मंगवाया है। अमृतसर स्थित उसकी कोठी के मालिक महेश शर्मा से भी पूछताछ हुई है। उससे रेंट डीड की एक काफी कब्जे में ली गई है। गौरतलब है कि NIA की टीम ने वीरवार को मनप्रीत को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। आरोपित से 20 लाख ड्रग मनी, 130 कारतूस और हेरोइन पैक करने वाले लिफाफे बरामद किए थे।
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बता दें, मई 2018 में पकड़ी गई 534 किलो हेरोइन मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI एजेंट रंजीत सिंह चीता ने पंजाबभर में अपने गुर्गों का जाल बिछा लिया था। चीता भूमिगत रहते हुए जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नायकू के लिए ड्रग मनी एकत्र करके भेज रहा था। चीता ने नायकू के इशारे पर उसके गुर्गे हिलाल अहमद वागये को अप्रैल 2020 में 32 लाख की फंङ्क्षडग की थी। उसे पुलिस ने काबू कर लिया था। वागये की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हरियाणा के सिरसा से रंजीत सिंह चीता को भी गिरफ्तार किया था।
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