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अनुभव फिर से आजमाने आया किस्मत

जालंधर जिले में विधानसभा चुनाव लड़ रहे सरवण सिंह फिल्लौर आठवीं बाद चुनावी रण में किस्मत आजमाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:00 AM (IST)
अनुभव फिर से आजमाने आया किस्मत
अनुभव फिर से आजमाने आया किस्मत

जागरण संवाददाता, जालंधर : प्रदेश की राजनीति का केंद्र रहने वाले महानगर जालंधर में विधानसभा चुनाव के दौरान अनुभव अपनी किस्मत फिर से आजमाता नजर आएगा। उम्र ही नहीं, राजनीति में भी लंबा अनुभव रखने वाले उम्मीदवार वोटरों से समर्थन मांगते नजर आएंगे। पहले हर राजनीतिक पार्टी चुनाव में युवाओं को मौका देने की बात कह रही थी, लेकिन टिकट बांटने में अनुभव को ही तरजीह दी गई।

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राजनीतिक पार्टियों की तरफ से अब तक जालंधर में घोषित किए जा चुके उम्मीदवारों पर नजर दौड़ाई जाए तो फिलहाल शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) की ओर से फिल्लौर हलके से घोषित उम्मीदवार सरवण सिंह फिल्लौर ही सबसे वरिष्ठ नजर आ रहे हैं। 30 मई, 1948 को जन्मे सरवण सिंह फिल्लौर का यह आठवां विधानसभा चुनाव होगा। वह पिछले सात में से छह विधानसभा चुनावों में जीत का झंडा बुलंद कर चुके हैं।

भाजपा के जालंधर सेंट्रल सीट से उम्मीदवार मनोरंजन कालिया भी कम नहीं हैं। तीन बार विधायक चुने गए कालिया दो बार कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। नौ दिसंबर, 1958 को जन्मे मनोरंजन कालिया ने अपना सियासी सफर पार्षद का चुनाव जीतकर शुरू किया था। जालंधर नार्थ से दो बार जीत का परचम फहरा चुके कृष्ण देव भंडारी पर इस बार भी भाजपा ने भरोसा जताया है। हालांकि वह पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। आठ सितंबर, 1961 को जन्म लेने वाले केडी भंडारी संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले भंडारी वर्ष 2002 में पहली बार पार्षद चुने गए थे। कांग्रेस की तरफ से विधानसभा हलका जालंधर छावनी से घोषित किए जा चुके प्रत्याशी पद्मश्री परगट सिंह भी तीसरी बार किस्मत आजमाएंगे। पांच मार्च, 1965 को जन्म लेने वाले परगट सिंह वर्ष 2012 और 2017 में जीत हासिल कर चुके हैं।

शिरोमणि अकाली दल (बादल) एवं बसपा गठबंधन की तरफ से आदमपुर सीट से उतारे गए पवन कुमार टीनू भी तीसरी बार विधायक बनने की कोशिश करेंगे। 28 मई, 1966 को जन्म लेने वाले पवन टीनू वर्ष 2012 एवं उसके बाद वर्ष 2017 में आदमपुर से विधायक चुने जा चुके हैं।

विधानसभा हलका नकोदर का प्रतिनिधित्व करने वाले शिअद के गुरप्रताप सिंह वडाला भी पीछे नहीं हैं। 13 अगस्त, 1963 को जन्म लेने वाले वडाला वर्ष 2012 और 2017 में नकोदर सीट से विधायक चुने जा चुके हैं। एक बार फिर वह मैदान में डट गए हैं।

जालंधर वेस्ट हलके से विधायक सुशील कुमार रिकू, सेंट्रल हलके से विधायक राजेंद्र बेरी, नार्थ हलके से विधायक बावा हैनरी एवं करतारपुर से विधायक चौधरी सुरेंद्र सिंह दूसरी बार विधायक बनने के लिए चुनावी रण में उतरे हैं।


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