वकीलों ने हड़ताल नहीं करने के फैसले का किया विरोध
बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा वकीलों की हड़ताल को लेकर इसी महीने जारी की गई नई गाइड लाइन का विरोध करते हुए जिला बार एसोसिएशन ने इसे वकीलों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा वकीलों की हड़ताल को लेकर इसी महीने जारी की गई नई गाइड लाइन का विरोध करते हुए जिला बार एसोसिएशन ने इसे वकीलों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा को मागपत्र सौंपकर वकीलों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की माग की है।
डीसी को ज्ञापन सौंपने के बाद जिला बार एसोसिएशन के प्रधान ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि इसी साल 5 सितंबर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नई गाइड लाइन जारी की है, जिसके अनुसार वकील अब हड़ताल नहीं कर सकेंगे। अगर वकीलों की कोई संस्था किसी मसले को लेकर न्यायिक कार्य ठप करता है तो ये अदालत की अवमानना माना जाएगा। कुछ समय के लिए बार काउंसिल की ओर से जारी किया गया वकील का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा, उसकी प्रेक्टिस भी रोक दी जाएगी। यह गाइड लाइन वकीलों के संविधान में मिले उनके अपने अधिकारों के खिलाफ आवाज उठाने के खिलाफ है। जिला बार एसोसिएसन इस गाइड लाइन का सख्त विरोध करता है। आने वाले दिनों में इसके खिलाफ आदोलन और तेज किया जाएगा।
इसके साथ ही ज्ञापन में माग की है कि वकीलों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ उन्हें पेंशन के दायरे में लाया जाए, इस पेशे में आने वाले नए वकीलों को स्पाइफंड की सुविधा दी जाए।
प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, सचिव आदित्य जैन, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एनआर जस्सल, जूनियर वाइस प्रेसीडेंट वरुण खन्ना, ज्वाइंट सेक्रटरी कुनाल गोयल, असिस्टेंट सेक्रेटरी भुवनेश मेहता, चरनजीत कौर, किरणबाला, रजनीश कुमार, राजविंदर कौर रिया, रमनदीप, संगीता रानी, सतनाम सुमन आदि शामिल थे।