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वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 30 को, बंद नहीं होंगे मंदिरों के कपाट

वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:00 AM (IST)
वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 30 को, बंद नहीं होंगे मंदिरों के कपाट
वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 30 को, बंद नहीं होंगे मंदिरों के कपाट

शाम सहगल, जालंधर

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वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा। हालांकि ग्रहण की उपछाया होने के चलते इस अवधि में जिले के मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को ग्रहण की उपछाया से भी खुद की रक्षा करने के लिए सावधानी रखनी होगी। उन्होंने इस दौरान बुजुर्गो व बच्चों को घर के अंदर ही रखने के लिए कहा है।

दीवाली के 16 दिन बाद लगने जा रहे इस ग्रहण को अमेरिका, आस्ट्रेलिया समेत कई एशियाई देशों में देखा जा सकेगा। ऐसे में देश भर में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। जुदा बात है कि सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लोग विश्व में कहीं पर भी लगने वाले सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करते हैं। इस बारे में श्री गोपी नाथ मंदिर सर्कुलर रोड के प्रमुख पुजारी पंडित दीन दयाल शास्त्री बताते हैं कि सूतक काल को मानने वाले लोगों को एहतियात की खास जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रहण का सीधा असर इंसान के मन पर पड़ेगा। ग्रहण के दौरान लोगों के मन में नकारात्मक विचार आना स्वाभाविक होता है। इस ग्रहण का असर वृषभ राशि पर होगा।

श्री महालक्ष्मी मंदिर, जेल रोड के प्रवक्ता राहुल बाहरी बताते हैं कि चंद्र ग्रहण की उपछाया होने के चलते इस अवधि में मंदिर का कपाट बंद नहीं किए जाएंगे। इसी तरह श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज बताते है कि कमेटी की बैठक के उपरांत इसे लेकर फैसला लिया जाएगा। कैसे लगता है चंद्रग्रहण

सूर्य से निकलने वाली रोशनी जब पृथ्वी पर पड़कर चंद्रमा पर अपनी छाया बनाती है तो चंद्रग्रहण लगता है। जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ेगी तो इसकी तिरछी छाया से चंद्रमा का कुछ हिस्सा ढक जाता है। इसमें सूर्य की रोशनी को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने में पृथ्वी आड़े आती है।

चंद्र ग्रहण व सूतक काल में इन बातों का रखें ध्यान

- प्रभु का सिमरन करें

- बिना चश्मे के चांद की तरफ न देखें

- बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न जाने दें

- आग जलाने व कपड़े सिलने से परहेज करें

- खाद्य पदार्थो में कुशा डालें

- नाखुन काटने से परहेज करें

यह है सूतक काल व ग्रहण का समय

- चंद्र ग्रहण की शुरुआत : दोपहर 1.04

- मध्यकाल : दोपहर 3.13 बजे

- ग्रहण का समापन : शाम 5.22 बजे


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