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जानिए कौन हैं कुलरतन महेश्वरी, लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दे रहे फ्री कंप्यूटर शिक्षा, गांव में चार एकड़ में स्थापित किया स्कूल

अमृतसर के गांव लोहारका कलां के कुलरतन निशुल्क शिक्षा का धन बांट रहे हैं। जरूरतमंद व निर्धन बच्चों के भविष्य को शिक्षा के प्रकाश से रोशन करने का बीड़ा उठाए हुए कुलरतन महेश्वरी आज 80 साल की आयु में भी जोश और जज्बे के साथ सेवा कर रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 09:39 AM (IST)
जानिए कौन हैं कुलरतन महेश्वरी, लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दे रहे फ्री कंप्यूटर शिक्षा, गांव में चार एकड़ में स्थापित किया स्कूल
मानव कल्याण विद्या मंदिर के एमडी कुलरतन महेश्वरी व कक्षा में उपस्थित छात्र। (जागरण)

अमृतसर [अखिलेश सिंह यादव]। तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद शिक्षा से महरूम हो रहे बचपन को तलाश कर स्कूल की दहलीज पर पहुंचाने वाले कुलरतन निशुल्क शिक्षा का धन बांट रहे हैं। जरूरतमंद व निर्धन बच्चों के भविष्य को शिक्षा के प्रकाश से रोशन करने का बीड़ा उठाए हुए कुलरतन महेश्वरी आज 80 साल की आयु में भी जोश और जज्बे के साथ सेवा कर रहे हैं। अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कुलरतन महेश्वरी ने एक पिछड़े इलाके के गांव लोहारका कलां में चार एकड़ में मानव कल्याण विद्यामंदिर स्कूल की स्थापना की। यह प्रोजेक्ट 12 करोड़ रुपये का था।

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इस स्कूल में आसपास गांवों के जरूरतमंद विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवार रहे हैं। वहीं कुलरतन गांवों की सैकड़ों लड़कियों को फ्री कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर उनके भविष्य को उज्ज्वल कर उन्हें आत्मनिर्भर बना चुके हैं। हर बैच में 30-30 लड़कियां छह माह का कंपयूटर कोर्स करती है। मूल रूप से नमक मंडी गंडा वाली गली के रहने वाले केआर महेश्वरी आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है। वह कमजोर बच्चों की मदद के साथ साथ शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। छोटे छोटे मासूम व गरीब बच्चों को कूड़ा बीनते देखते तो उनके मन में एक हूक सी उठती। इस उधेड़बुन में लगे रहे कि कैसे इनका जीवन रोशन हो। शिक्षा का मूलभूत अधिकार दिलाना उन्हें स बसे जरूरी लगा। इसी मकसद को साकार करने के लिए मानव कल्याण विद्या मंदिर की स्थापना की।

यूनिफार्म, किताबें, मेडिकल एड सब मुफ्त करवाते हैं उपलब्ध

स्कूल की पहली ब्रांच अमृतसर में भी चल रही है। लोहारका कलां स्थित मानव कल्याण विद्या मंदिर को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं, ताकि गांवों के बच्चे आधुनिक शिक्षा हासिल कर समय की चुनौतियों का मुकाबला कर सकें। 79 वर्षीय महेश्वरी बताते हैं कि वर्ष 2004 में मानव कल्याण विद्या मंदिर की आनंद एवेन्यू में नींव रखी थी। तब गरीब विद्यार्थियों की संख्या तीस थी। जरूरतमंद बच्चों को तलाशने के लिए एक टीम का गठन किया गया ताकि शिक्षा से बच्चों का जीवन रोशन हो सके। बच्चों को स्कूल में यूनिफार्म, किताबें, मेडिकल एड, स्नेकस निशुल्क उपलब्ध करवाते है।

बचपन से मदद करते आ रहे

कई मेधावी विद्यार्थियों के स्वजनों को आर्थिक सहायता करने से भी महेश्वरी चूकते नहीं है। बाल्याकाल से ही वह आर्थिक रूप से गरीब बच्चों की मदद के लिए पाकेटमनी से किताब खरीद कर देते थे। अब स्कूल में 500 विद्यार्थी निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे है। स्कूल प्लस टू तक है। केआर महेश्वरी साथ ही मानव पब्लिक स्कूल चलाते हैं जिसको उन्होंने एक कमरे में वर्ष 1982 में शुरू किया था।

रोज 16 घंटे करते हैं काम, सुबह चार बजे दिनचर्या होती है शुरू

एडवोकेट कुलरतन महेश्वरी के पिता  पुरुषोत्तम दास नगर निगम के सदस्य रह चुके है। मां सत्यावती गृहिणी थी। वे छह भाई थे। उनकी पत्नी रेखा महेश्वरी गृहिणी है। बड़ा बेटा समीर महेश्वरी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है। छोटा बेटा गगन इंदौर में बिजनेस संभाल रहा है। एडवोकेट कुलरतन नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए रोज 16 घंटे काम करते है। सुबह चार बजे से ही उनकी दिनचर्या शुरू हो जाती है।


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