डरकर नहीं डटकर किया सामना, जानें- जालंधर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष जसलीन सेठी ने कैसे दी कोविड को मात
जालंधर महिला कांग्रेस अध्यक्ष व पार्षद जसलीन कौर बीते साल कोरोना पाजिटिव आने के दौरान उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। कोरोना से डरकर नहीं बल्कि डटकर इसका सामना किया। वह पति डा. आइपी सिंह की मानिटरिंग में घर में आइसोलेट रही।
जालंधर, जेएनएन। जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष व पार्षद जसलीन कौर सेठी बताती हैं कि बीते साल कोरोना पाजिटिव आने के दौरान उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। कोरोना से डरकर नहीं, बल्कि डटकर इसका सामना किया। पति डा. आइपी सिंह की मानिटरिंग में घर में आइसोलेट रही। कोरोना की पाजिटिव होने की अवधि कब बीत गई, पता ही नहीं चला। कारण, वह फोन पर अपने वार्ड के लोगों व जानने वालों के साथ जुड़ी रही। इसके साथ ही कोरोना से खुद की रक्षा को लेकर लोगों को मैसेज भी भेजती रहीं।
वह बताती हैं कि बीते साल अगस्त माह के शुरुआत में बुखार, बैक पेन और शरीर में दर्द होने की शिकायत रहने लगी। बुखार होने के चलते पांच अगस्त को टेस्ट करवाया तो सात अगस्त को आई रिपोर्ट में वह कोरोना पाजिटिव पाई गईं। पति डा. आइपी सिंह सेठी ने दवाई से लेकर हर तरह की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा देने का इंतजाम घर में ही कर दिया। इसमें आक्सीमीटर, बीपी व हार्ट बीट सहित तमाम तरह की जांच करने के उपकरण भी घर में रख लिए। इस तरह वह घर होते हुए भी अस्पताल की सुविधाओं में रही।
सेठी बताती हैं कि इस अवधि में उन्होंने अपने बर्तन और कपड़े तक खुद धोए। शुरुआत में कुछ परेशानी हुई, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो गया। इस बीच घर की ऊपरी मंजिल पर बने कमरे में दिनभर रहने के दौरान बाहर बने टेरिस पर अक्सर सैर भी करती थी। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेट होने के दौरान खानपान की आदतों में भी काफी परिवर्तन आ गया। इस बीच नानवेज की ग्रेवी के साथ चावल व कम चीनी वाली चाय का सेवन करने को अधिक मन करता रहा। कोरोना पाजिटिव आने के बाद पैनिक नहीं होना चाहिए। इसका डटकर मुकाबला करते हुए सरकार के निर्देशों का पालन करके कोरोना को हराया जा सकता है।
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