जालंधर की सुनीता ने सरकारी डिस्पेंसरी से करवाया उपचार, कोरोना से पाई मुक्ति
जालंधर के गढ़ा इलाकेकी रहने वाली सुनीता रानी ने इलाके की सरकारी डिस्पेंसरी से इलाज करवाकर ही कोरोना से मुक्ति पाई हैं। वह सरकारी डिस्पेंसरी से अपनी परेशानियां बताकर दवाई मंगवाती रही और बिना कोई परेशान दो सप्ताह में ठीक भी हो गई।
जालंधर, जेएनएन। शहर के गढ़ा इलाके की रहने वाली सुनीता रानी ने इलाके की सरकारी डिस्पेंसरी से इलाज करवाकर ही कोरोना से मुक्ति पाई है। वह सरकारी डिस्पेंसरी से अपनी परेशानियां बताकर दवाई मंगवाती रही और बिना कोई परेशान दो सप्ताह में ठीक भी हो गई। उन्होंने कहा कि अप्रैल में खांसी व बुखार के बाद उन्हें कोरोना टेस्ट करवाने की हिदायत दी गई। वह पाजिटिव आई। बुखार व खांसी की दवाई लेते हुए खुद को होम क्वारंटाइन रखा।
इस बीच जब किसी तरह की दिक्कत होती तो केवल इसके बारे में बताकर सरकारी डिस्पेंसरी से दवाई मंगवाती रही। होम क्वारंटाइन की अवधि खत्म होने के बाद टेस्ट करवाया तो वह नेगटिव आई। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने पर पेनिक नहीं होना चाहिए। कारण, इस दौरान केवल अपने शरीर का तापमान व नजला कंट्रोल रखना जरूरी होता है। बेहतर खुराक व सकारात्मक सोच से ही इस पर विजय पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना नेगेटिव आने के बाद भी तमाम नियमों की पालना करती हैं। चेहरे पर मास्क, शारीरिक दूरी की पालना के साथ ही बार-बार हाथ धोने की परंपरा को बरकरार रखा हुआ है।
बता दें कि जालंधर में वीरवार को तीन डाक्टर, दो सेहत कर्मियों सहित 577 लोग कोरोना की चपेट में आए। शहरी आबादी के सात मरीजों सहित दस की मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 1203 तक पहुंच गया। मरने वालों में सभी की उम्र 40 से अधिक रही। उधर 678 मरीज कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंचे।
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