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Jalandhar Vegetable Prices: फेस्टिवल सीजन के बाद भी नहीं गिरे दाम, जानें प्याज और टमाटर के भाव कितने बढ़े

जालंधर में रिटेल में टमाटर के दाम जहां 60 से लेकर 70 पर प्रति किलो तक हैं तो प्याज 45 से लेकर 50 रुपए किलो में बिक रहा है। कारोबारियों की मानें तो दिसंबर की शुरुआत तक लोगों को प्याज तथा टमाटर पर महंगाई की मार झेलनी होगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 01:08 PM (IST)
Jalandhar Vegetable Prices: फेस्टिवल सीजन के बाद  भी नहीं गिरे दाम, जानें प्याज और टमाटर के भाव कितने बढ़े
जालंधर में 20 दिनों से प्याज टमाटर के दाम यथावत हैं। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। Vegitable price at Jalandhar:  फेस्टिवल सीजन लगभग खत्म हो चुका है। इसके बावजूद पंजाब खासकर जालंधर में प्याज व टमाटर के दामों में गिरावट नहीं होने से गरीब की थाली से सब्जी गायब हो रही है। 20 दिनों के बाद अभी भी इनके दाम यथावत हैं। रिटेल मंडी में टमाटर के दाम जहां 60 से लेकर 70 पर प्रति किलो तक हैं तो प्याज 45 से लेकर 50 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है। कारोबारियों की मानें तो दिसंबर की शुरुआत तक लोगों को प्याज तथा टमाटर पर महंगाई की मार झेलनी होगी।

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दरअसल, अक्टूबर के मध्यांतर के बाद से लेकर सब्जियों के अलावा टमाटर तथा प्याज के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। हरी मटर के दाम 150 से कम होकर 100 रुपये तक आ गए हैं लेकिन टमाटर तथा प्याज के दामों में गिरावट नहीं हो रही है।

टमाटर की स्थानीय फसल खराब होने बढ़े दाम

बताया जा रहा है कि लोकल टमाटर की फसल प्रभावित होने के कारण पहाड़ी इलाकों से माल मंगवाया जा रहा है। इस पर परिवहन खर्च सहित अन्य खर्चे पड़ने के कारण दामों में लगातार इजाफा हो रहा है।

महाराष्ट्र और नासिक से प्याज की फसल कम

वहीं दूसरी तरफ देश भर में प्याज की सप्लाई के प्रमुख केंद्र नासिक तथा राजस्थान में इस बार प्याज की फसल कम होने का असर भी दामों पर पड़ा है। इस बारे में प्याज के थोक कारोबारी जसपाल सिंह बताते हैं कि दिसंबर की शुरुआत से नई फसल की आमद की संभावना है। इसके बाद ही दाम कम हो सकते हैं।

दामों वृद्धि के कारण ये भी

जसपाल सिंह बताते हैं कि लोकल सब्जियों की फसल इस बार थोड़ी लेट है। शिमला मिर्च, हरी मटर, फलियां, करेला और नींबू सहित अधिकतर सब्जियां पहाड़ी क्षेत्रों से मंगवाई जा रही हैं। परिवहन सहित अन्य खर्च का प्रभाव भी सब्जियों के दामों पर पड़ा है।


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