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लाकडाउन ने बदला काम का तरीका, ट्रांसपोर्टर जगजीत ने आनलाइन आर्डर लेना और पेमेंट करना सीखा

Make Small Strong Jalandhar ट्रांसपोर्टर जगजीत ने बताया कि कोरोना लाकडाउन के दौरान कारोबार पटरी पर नहीं था। इंडस्ट्री से आर्डर नहीं मिल रहे थे। जब इंडस्ट्री खुलनी शुरू हुई तो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का वाट्सएप ग्रुप बनाया। इसके बाद ग्रुप में आर्डर मिलने शुरू हो गए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 12:36 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 12:36 PM (IST)
लाकडाउन ने बदला काम का तरीका, ट्रांसपोर्टर जगजीत ने आनलाइन आर्डर लेना और पेमेंट करना सीखा
ट्रांसपोर्टर जगजीत सिंह ने कहा कि कोरोना ने कारोबार को ई-कामर्स का इस्तेमाल सीखा दिया है। (जागरण)

जालंधर, जेएनएन। ड्राइवरों की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहना हर किसी के बस की बात नहीं है। पटेल चौक स्थित अकाल गुड्स ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के संचालक जगजीत सिंह कंबोज कुछ ऐसे ही हैं। कोरोना में कारोबार के साथ-साथ ड्राइवरों की चिंता भी सता रही थी। दूसरे राज्यों में पंजाब के ड्राइवर फंसे हुए थे। उनकी सहायता के लिए वहां के ट्रांसपोर्टरों से सहायता मांगी गई। ड्राइवरों को वापस लाया गया। लम्मा पिंड निवासी जगजीत सिंह ने बताया कि लाकडाउन से सबक लेते हुए उन्होंने कारोबार में ई-कामर्स को बढ़ावा दिया है। अब बुकिंग से लेकर भुगतान व लेन-देन का काम भी आनलाइन कर दिया है।

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लाकडाउन में वाट्सएप ग्रुप बना लिए आर्डर

जगजीत ने बताया कि कोरोना लाकडाउन के दौरान कारोबार पटरी पर नहीं था। इंडस्ट्री से आर्डर नहीं मिल रहे थे। जब इंडस्ट्री खुलनी शुरू हुई तो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का वाट्सएप ग्रुप बनाया। इसके बाद ग्रुप में आर्डर मिलने शुरू हो गए। अब ट्रांसपोर्ट को आर्डर आनलाइन के माध्यम से ही मिल रहे हैं। जगजीत बताते हैं कि कोरोना ने कारोबार को आनलाइन के माध्यम से करना सिखा दिया है।

पिता की सीख, हर काम ईमानदारी से करें

वह बताते हैं कि उनके पिता मोहिंदर सिंह ने वर्ष 1975 में छोटे स्तर पर वाल्व और काक्स का कारोबार शुरू किया था। वह कुछ अलग करना चाहते थे। जगजीत ने वर्ष 1990 में ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया। आज उनके 15 से 20 ट्रक चल रहे हैं। पिता आज भी यही सीख देते है कि हर काम ईमानदारी से करना चाहिए। कारोबार में नई-नई इनोवेशन करते रहना चाहिए। आधुनिकता व ग्राहकों के साथ बेहतर तालमेल से ही सफलता हासिल होती है। वह ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सदस्य हैं। यह संस्था वर्ष 1930 से गठित की गई है। जगजीत बताते है कि कोरोना काल में अधिकतर कारोबारियों ने लेबर के वेतन से लेकर कच्चे माल के भुगतान पर ब्रेक लगा दी थी। बावजूद इसके उन्होंने कर्मचारियों व ड्राइवरों के वेतन पर ब्रेक नहीं लगाई। ड्राइवर व कर्मचारियों को वेतन दिया गया।

खुद को अपडेट करना जरूरी

जगजीत ने कहा कि अब आनलाइन आर्डर मिलने से कारोबार पटरी पर आना शुरु हो गया है। कोरोना महामारी फैलने के बाद पंजाब में कर्फ्यू और लाकडाउन लगने के बाद ट्रांसपोर्टर को घरों के अंदर ही रहना पड़ा। लेबर व कर्मचारियों के आगे रोटी का संकट था। हमनें सभी कर्मचारियों के साथ-साथ ड्राइवरों के साथ संपर्क किया। हर जरूरतमंद तक सामान पहुंचाया। ट्रांसपोर्ट में काम करने वाले हर कर्मचारी की सहायता की। अब कारोबार ई-कामर्स के माध्यम से बढ़ेगा और आर्डर भी आनलाइन के माध्यम से मिलेंगे। कोरोना ने कारोबार को ई-कामर्स का इस्तेमाल सीखा दिया है। उनका कहना है कि बदलते समय के साथ खुद को अपडेट करना जरुरी है। अगर खुद को अपडेट नहीं करेंगे कारोबार भी आगे नहीं बढ़ा सकेंगे।


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