Jalandhar Market Mood: व्यापारी बोले- डेवलपेमेंट टैक्स से पड़ेगा बोझ, वापस ले पंजाब सरकार
जालंधर में अब डेवलपमेंट टैक्स की अदायगी को लेकर व्यापारियों को नोटिस मिलने शुरू हो गए हैं। इससे उनमें रोष है। उनका मानना है कि पहले से ही कोरोना व किसान आंदोलन के चलते बाजार में मंदी का दौर चल रहा है। इसलिए सरकार इसे वापस ले।
जालंधर, जेएनएन। पहले जीएसटी फिर प्रापर्टी टैक्स और अब डेवलपमेंट टैक्स की अदायगी को लेकर जिले के व्यापारियों को नोटिस मिलने शुरू हो गए हैं। इससे व्यापारियों में रोष है। उनका मानना है कि पहले से ही कोरोना व किसान आंदोलन के चलते बाजार में मंदी का दौर चल रहा है, ऊपर से अब डेवेलपमेंट टैक्स ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। इसी विषय को लेकर बुधवार को 'दैनिक जागरण' ने व्यापारियों की राय जानी। व्यापारियों ने कहा कि सरकार डेवलपमेंट टैक्स वापस लेकर उन्हें राहत दे। वो पहले ही सभी तरह के टैक्स सरकार को ईमानदारी से दे रहे हैं। सरकार को भी उनके बारे में सोचना चाहिए।
पिछले एक वर्ष से कारोबार की गाड़ी पटरी पर नहीं आई है। बीते वर्ष मार्च में लगाया गया लाकडाउन व इस बार फिर से कोरोना के बढ़ते कहर ने व्यापारियों की कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे हालात में फिर से नया टैक्स लगाने की तैयारी व्यापारियों के साथ धक्केशाही है।
- बलविंदर सिंह।
डेवलपमेंट टैक्स का हमेशा से विरोध किया जाता रहा है। इसके बाद भी जबरदस्ती व्यापारियों पर इसे थोपने का प्रयास किया जा रहा है। इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस पर सरकार को गंभीरता के साथ सोचना चाहिए।
- मुनीष कुमार।
बिजली व पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी से पहले से ही कारोबारी परेशान है। उपर से डेवलपमेंट टैक्स के रूप में नई वसूली की तैयारी से व्यापारियों की हालत पतली हो जाएगी। इसके चलते सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।
- पवन गुप्ता।
सत्ता में आने से पहले कैप्टन अमङ्क्षरदर ङ्क्षसह ने नया टैक्स न लगाने का वादा किया था, लेकिन अब डेवलपमेंट टैक्स को नए सिरे से लगाने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर केवल व्यापारी ही नहीं बल्कि सभी में भारी रोष है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
- पवन अरोड़ा।
2018 को सरकार ने डेवलपमेंट टैक्स लगाने का फैसला लिया था। इसका व्यापारी वर्ग द्वारा व्यापक विरोध किया गया। इसके चलते सरकार को उक्त फैसला वापस लेना पड़ा, लेकिन अब अचानक से दोबारा डेवलपमेंट टैक्स लगाने की तैयारी व्यापारियों के साथ धोखा करने के समान है।
- जेबी सिंह।
प्रापर्टी टैक्स, आयकर व जीएसटी सहित व्यापारी तमाम तरह के टैक्स पहले से अदा कर रहे है। अब नए सिरे से डेवलपमेंट टैक्स लगाने का फैसला तर्कसंगत नहीं है। सरकार को यह फैसला जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए।
- राकेश कुमार।
जनवरी से लेकर अप्रैल तक वेङ्क्षडग सीजन नहीं रहा। अब अप्रैल से शुरू होने वाले वेङ्क्षडग सीजन को लेकर आस जगी थी, लेकिन कोरोना के कहर से फिर से कारोबार ट्रैक से नीचे उतर गया है। ऐसे में किसी अन्य प्रकार के टैक्स को झेलने की हालत में व्यापारी नहीं हैं।
- विक्की।
जिस रफ्तार के साथ महंगाई बढ़ रही है, पहले से सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रकार के टैक्स अदा करने मुश्किल हो चुके हैं। उपर से सरकार द्वारा डेवलपमेंट टैक्स लगाने की कसरत शुरू कर दी गई है। इसने व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी है।
-विपिन सिक्का।
करीब ढाई माह तक दुकानें बंद रखकर घरों में बैठे रहे व्यापारियों को कई प्रकार के खर्च जेब से करने पड़े थे। इसके चलते सरकार को व्यापारियों की राहत देने के बजाय उनपर डेवलपमेंट टैक्स के रूप में अतिरिक्त बोझ डालने की तैयारी की जा रही है, जो सरासर धक्केशाही है।
- संदीप सोबती।
कोरोना महामारी के चलते दम तोड़ रहे कारोबार को सरकार राहत दे, तभी बात बनेगी। लेकिन सरकार ने कारोबार को प्रफुल्लित करने के लिए राहत देने के बजाय डेवलपमेंट टैक्स की सौगात दे दी है। इससे व्यापारियों की हालत बिगड़ जाएगी।
- सुनील अरोड़ा