Jalandhar Teachers Protest: बेरोजगार शिक्षक संघर्ष तेज करने की चेतावनी, नीचे नहीं उतरेंगे पानी की टंकी पर चढ़े शिक्षक
अध्यापकों ने भी चेतावनी दी है कि वे अब सरकार के खोखले वादों को और नहीं सहेंगे। अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। आने वाले समय में कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाएगा। उसके बाद उनकी मांगें पूरी हो नहीं सकती।
जागरण संवाददाता, जालंधर। बीएड टेट पास अध्यापक यूनियन की तरफ से शुक्रवार को शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी घेरने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री से मीटिंग कराने का आश्वासन मिला है। जिस वजह से बेरोजगार अध्यापक कुछ समय के लिए शांत हो गए हैं। अब बस उन्हें मुख्यमंत्री से होने वाली मंगलवार की मीटिंग का इंतजार है। इस वजह से वे सभी रविवार को बस स्टैंड पानी की टंकी के पास ही शांतिमय ढंग से प्रदर्शन करेंगे। जबकि उनके दो साथी जसवंत और मनीष पानी की टंकी के ऊपर धरने पर बैठे ही प्रदर्शन कर रहे हैं।
अध्यापकों के रोष का यह भी कारण है कि वे 18 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें संघर्ष के दौरान केवल मीटिंग करवाने, मांगों को जल्द मानने के आश्वासन ही मिल रहे हैं। अध्यापकों ने भी चेतावनी दी है कि वे अब सरकार के खोखले वादों को और नहीं सहेंगे। अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। आने वाले समय में कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाएगा। उसके बाद उनकी मांगें पूरी हो नहीं सकती। अगर सरकार ने अब जल्द से जल्द कोई उनके पदों संबंधी नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश जारी नहीं किया तो वह कड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे। इस दौरान होने वाली किसी प्रकार की भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी खुद सरकार और प्रशासन की होगी।
28 अक्टूबर से चल रहा है प्रदर्शन
बता दें कि बेरोजगार अध्यापकों का 28 अक्टूबर से जनरल बस अड्डा पर पानी की टंकी पर प्रदर्शन चल रहा है। जिस दिन अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री की कोठी का घेराव किया था और दूसरी बार शुक्रवार को। दोनों ही बार में अध्यापकों और पुलिस बल में धक्का-मुक्की के साथ-साथ जोर अजमाईश भी हुई थी। उन्हें शांत कराने के लिए मीटिंगों को ही आश्वासन मिला, मगर कार्रवाई न होने की वजह से उनका गुस्सा निरंतर बड़ ही रहा है।